Home अलीगढ़ कोरोनाकाल में माता-पिता को खोने वाले बच्चों की मदद को शेयर करें यह जानकारी

कोरोनाकाल में माता-पिता को खोने वाले बच्चों की मदद को शेयर करें यह जानकारी

by vdarpan
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संयुक्त मोर्चा टीम। कोरोना काल में ऐसे बच्चे जिनके सर से माता-पिता दोनों का ही साया उठ गया या फिर दोनों में से किसी एक भी मौत हो गई। ऐसे बच्चों के भविष्य के लिए यह जानकारी काफी उपयोगी है। आप इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक वाट्सएप व अन्य माध्यमों से पहुंचाकर एक अच्छा कार्य कर सकते हैं।

0-कलक्ट्रेट स्थित जिला प्रोबेशन कार्यालय में करें आवेदन
जिला प्रोबेशन अधिकारी स्मिता सिंह ने बताया है कि उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग निराश्रित महिलाओं एवं बच्चों की देखभाल, पालन-पोषण, पुनर्वास एवं संरक्षण के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। योजना के अन्तर्गत ऐसे सभी बच्चों, जिनके माता-पिता अथवा दोनों की कोविड-19 महामारी के संक्रमण/प्रभाव से मृत्यु हो गयी है, इन बच्चों के कोई करीबी अभिभावक न हो अथवा होने के बाद भी वह उन्हें अपनाना न चाहे या अपनाने में सक्षम न हो, के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि आवेदन फार्म जिला प्रोबेशन कार्यालय कमरा नं-31, नवीन बिल्डिंग कलक्ट्रेट एवं जिला बाल संरक्षण इकाई जिला पंचायत परिसर से प्राप्त तथा जमा कर सकते है।

0-योजना से लाभान्वित किये जाने वाले बच्चों की श्रेणियां
-0 से 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चे जिनके माता-पिता या दोनों की मृत्यु कोविड-19 संक्रमण से महामारी के दौरान हो गयी हो या जिनके माता-पिता में से एक की मृत्यु 01 मार्च 2020 से पूर्व हो गयी थी और दूसरे मृत्यु कोविड-19 संक्रमण से महामारी के दौरान हो गयी हो या उनके वैध संरक्षक की मृत्यु कोविड-19 संक्रमण से महामारी के दौरान हो गयी हो।
-0 से 18 वर्ष की उम्र तक के ऐसे सभी बच्चों को शामिल किया जाएगा। जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता में से आय अर्जित करने वाले अभिभावक को खो दिया हो व वर्तमान में जीवित माता या पिता सहित परिवार की आय दो लाख रूपए प्रतिवर्ष से अधिक न हो।

  • कोविड-19 का मरीज कतिपय परिस्थितियों में टेस्ट में नेगेटिव आने के बाद भी पोस्ट कोविड काम्पलिकेशन से उसकी मृत्यु हो सकती है। यह मृत्यु भी कोविड-19 की वजह से ही मानी जाएगी।
    -एक परिवार के सभी (जैविक व कानूनी रूप से गोद लिए गए) बच्चों को योजना का लाभ मिल सके।

0-योजना के अन्तर्गत यह मिलेगा लाभ
-0 से 10 वर्ष तक की आयु के बच्चों के वैध संरक्षक के बैंक खाते में रू 4000/-प्रतिमाह की धनराशि देय होगी बशर्ते औपचारिक उनका पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो।
-ऐसे बच्चे जो पूर्णतः अनाथ हो गये हो एवं बाल कल्याण समिति के विभाग के अन्तर्गत संचालित बाल देखभाल संस्थाओं में अवासित कराये गये हों उनको कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की शिक्षा हेतु अटल आवासिय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में प्रवेशित कराया जायेगा।
-यदि बच्चों के संरक्षण उपरोक्त विद्यालयों में किसी कारणवश प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हो तो बच्चों की देखरेख व शिक्षा हेतु उनको 18 वर्ष की आयु होने एवं कक्षा 12 तक की शिक्षा पूरी होने तक रू0 4000/-की धनराशि दी जायेगी वशर्ते बच्चे को शिक्षा हेतु औपचारिक शिक्षा हेतु मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो।

  • प्रदेश सरकार ऐसी सभी बालिकाओं की शादी हेतु रू0 1,01,000/- उपलब्ध करायेगी।
    -उपरोक्त श्रेणी के अन्तर्गत कक्षा 9 या उससे उपर की कक्षा में अथवा व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे है। 18 वर्ष तक के बच्चों को टैबलेट, लेपटाप एक बार अनुमन्य/उपलब्ध करायेगी।

0-योजना के आवेदन को आवश्यक अभिलेख
-पूर्ण आवेदन पत्र बच्चे व वर्तमान अभिभावक एक नवीनतम फोटो सहित
-बैंक पासबुक की छायाप्रति (एकल माता/पिता या अभिभावक)
-फोटो पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आई कार्ड आदि )
-विधिक रूप से गोद लेने का प्रमाण पत्र (यदि लागू हो )
-माता/पिता/दोनों (जैसे भी स्थिति हो) का मृत्यु प्रमाण पत्र
-बच्चे का आयु प्रमाण पत्र
-सम्बन्धित श्रेणी के शिक्षण संस्थान में पंजीयन का प्रमाण पत्र (6 वर्ष से अधिक आयु के बच्चे के लिए)
-उप्र का निवासी होने का घोषणा पत्र
-कोविड-19 से मृत्यु का साक्ष्य
(क) साक्ष्य के लिये एंटीजन या आरटीपीसीआर की पोजिटिव रिपोर्ट
(ख) ब्लड रिपोर्ट या सीटी स्कैन में कोविड का संक्रमण होना माना जा सकता है
(ग) कोविड-19 का मरीज कतिपय परिस्थितियों में टेस्ट में नेगेटिव आने के बाद भी
व पोस्ट कोविड काॅम्पलिकेशन से उसकी मृत्यु हो सकती है यह मृत्यु भी कोविड-19 की वजह से ही मानी जायेगी)
-संरक्षक के परिवार की वार्षिक आय रू0 दो लाख से कम का आय प्रमाण पत्र (माता व पिता की मृत्यु होने की स्थिति में आवश्यक नहीं)

0-वर्जन
अलीगढ़ जनपद में अब तक 102 से ज्यादा केस चिन्हित किए जा चुके हैं। जिसमें बच्चों के माता-पिता या फिर दोनों में से एक की मृत्यु हुई है। उनको शासन की गाइडलाइन के अनुरूप लाभ मिलेगा।
-चंद्रभूषण सिंह, डीएम

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