संयुक्त मोर्चा टीम। अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी के प्रो. चांसलर व देश की शख्सियतों में शुमार नवाब इब्ने सईद खां छतारी ने मंगलवार को 98 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया। बुधवार को जिला बुलंदशहर के कस्बा छतारी में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
नवाब इब्ने सईद खां छतारी के बेटे जावेद सईद ने बताया कि 1923 में उनके वालिद का जन्म छतारी में हुआ था। इसके बाद वह अलीगढ़ में आकर बस गए थे। एएमयू से पढ़ाई करने के बाद वह सामाजिक क्षेत्र में हमेशा सक्रिय रहे। एएमयू के वह प्रो. वाइस चांसलर भी थे। इससे पहले ट्रेजरार के पद पर भी रहे थे। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को नवाब साहब कोरोना की चपेट में आए थे। जिसके बाद उन्होंने कोरोना को मात दी और स्वस्थ्य हुए। इसके बाद ही उनके फेफड़ों की समस्या शुरू हो गई थी। डॉक्टरों से परामर्श करने के बाद ऑक्सीजन सपोर्ट पर भी रखा गया। जिसके बाद उनका ऑक्सीजन स्तर 96 तक पहुंच गया था। फिर धीरे-धीरे ऑक्सीजन स्तर गिरता गया। मंगलवार शाम को मैरिस रोड स्थित राहत मंजिल, छतारी हाउस में उन्होंने आखिरी सांस ली। बुधवार को जौहर की नमाज के बाद शाम करीब चार बजे छतारी के पुश्तैनी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक की रस्म पूरी की जाएगी। एएमयू वीसी प्रो. तारिक मंसूर, डीएम चंद्रभूषण सिंह, कारोबारी दयाशंकर दीक्षित, विवेक बगाई, दीपक गर्ग, सुमित गोयल, मुदित गोयल, विवेक हॉलमार्क, राहुल वर्मा सहित तमाम शहरवासियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
एएमयू के प्रो. चांसलर नवाब इब्ने सईद खां छतारी ने दुनिया को कहा अलविदा
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