Home अलीगढ़ अलीगढ़ के इस गांव में आज भी हिन्दू परिवारों की बारात नहीं चढ़ने देते दबंग

अलीगढ़ के इस गांव में आज भी हिन्दू परिवारों की बारात नहीं चढ़ने देते दबंग

by vdarpan
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संयुक्त मोर्चा टीम। अलीगढ़ के एक गांव में चौंकाने वाली घटना सामने आई है। टप्पल थाना क्षेत्र के गांव नूरपुर के लोगों का आरोप है कि मुस्लिम समाज के द्वारा हिन्दू परिवारों की बारात को नहीं चढ़ने दिया जाता है। चढ़त रोकने से नाराज करीब 125 हिन्दू परिवारों ने अपने घरों के बाद मकान बिकाऊ लिख दिया है।
पुलिस के अनुसार 26 मई की दोपहर गांव के निवासी अनुसूचित जाति के ओमप्रकाश की दो बेटियों की बारात को चढ़ने से रोकने का बताया गया है। ओमप्रकाश के अनुसार बारात चढ़त के साथ उनके दरवाजे पर आ रही थी। मुख्य मार्ग पर मस्जिद के पास समुदाय विशेष के कुछ लोग एकत्र होकर बरात चढ़त का विरोध करने लगे। इस भीड़ ने बरातियों और गांव के हिंदुओं पर लाठी, डंडे व रोड से हमला कर दिया। इसमें डीजे वाली गाड़ी के शीशे टूट गए। गाड़ी के चालक समेत दो लोग घायल हो गए। उन्होंने थाने में जानकारी देने के साथ ही अगली सुबह आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी, लेकिन थाना पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। सुरक्षा देने के नाम पर गांव में दो पुलिसकर्मी बिठा दिए। गांव वालों ने आरोप लगाया कि समुदाय विशेष की भीड़ ने सुनियोजित तरीके से बारात पर हमला किया था। पुलिस की कार्रवाई न होने से नाराज पीड़ित परिवार और उनके समर्थन में लोगों ने अपने दरवाजों के बाहर ‘मकान बिकाऊ है’ लिखने के साथ ही रविवार की सुबह पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। टप्पल पुलिस ने ओमप्रकाश पुत्र तेजपाल की तहरीर पर गांव के वकील, कलुआ, मुस्तकीम, सरफू, अंसार, सोहिल, फारुख, अमजद, तौफीक, सहजोर और लहरू के नाम रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इस मामले में भाजपा से खैर विधायक अनूप प्रधान ने कहा कि योगी सरकार में यह संभव नहीं है कि कोई पलायन करने के लिए मजबूर हो जाए। दो समुदाय के बीच का मामला संज्ञान में आया है। सीओ खैर और एसओ टप्पल से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
-करीब 20 फीसदी है हिन्दू आबादी
गांव के राजवीर के अनुसार नूरपुर गांव की आबादी करीब 3500 है। इसमें 80 प्रतिशत मुस्लिम व 20 प्रतिशत हिन्दू समाज के लोग रहते हैं। तीन मस्जिदें और एक बड़ा मदरसा संचालित है। राजवीर ने बताया कि समय-समय पर विशेष समुदाय के लोग हमारे ऊपर धर्मांतरण का दबाव बनाते हैं और प्रलोभन भी देते हैं। राजवीर का कहना है कि हिन्दुओं की लड़कियों की बारात चढ़त की विरोध का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले तीन घटनाएं इस प्रकार की घटित हो चुकी है। ओमप्रकाश के अनुसार पहले भी 25 अप्रैल व 9 मई को इसी तरह बरात चढ़त का विरोध किया गया था।

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