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संयुक्त मोर्चा टीम। अलीगढ़।
वित्तमंत्री अरुण जेटली गुरुवार को संसद में आम बजट पेश करने जा रहे हैं। बजट से लोगों को तमाम उम्मीदे हैं। गृहणियों को आस है कि इस बार वित्त मंत्री जी महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए बजट में कोई न कोई उपाय अवश्य करेंगे। रसोई गैस के साथ ही पेट्रोल व डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। रसोई गैस की कीमत बढ़ने के साथ ही सब्सिडी लगातार घट रही है। खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें घरेलू बजट को बिगाड़ रही हैं। ऐसा बजट लाया जाना चाहिए, जिससे समाज के सभी वर्गों को राहत मिल सके।
गृहणियों का कहना है कि जब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी थी, तब लोगों ने बड़ी उम्मीदें की थीं। रसोई गैस वितरण को आधार से लिंक किया जाना तो बेहतर रहा है, लेकिन गैस के दाम लगातार बढ़ने और सब्सिडी घटने से बहुत दिक्कत हो रही है। रसोई गैस के अलावा अब लोगों के पास खाना पकाने के लिए ईंधन का अन्य कोई साधन नहीं रह गया है। अगर रसोई गैस के दाम इसी तरह लगातार बढ़ते रहे तो काफी मुश्किल हो जाएगी। लोगों की कमाई का बड़ा हिस्सा इसी पर खर्च हो जाएगा। इसके अलावा पेट्रोल व डीजल के दाम रोजाना तय किए जा रहे हैं। इससे कीमतें लगातार बढ़ रहीं। डीजल महंगा होते जाने की वजह से इसका असर अन्य चीजों पर भी पड़ रहा है। इससे माल ढुलाई भाड़ा बढ़ने से आवश्यक वस्तुएं महंगी हो रही हैं। लोगों की आमदनी में तो कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई लेकिन जरूरी चीजों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। नोटबंदी के दौर में लोगों को बड़ी परेशानी के दौर से गुजरना पड़ा लेकिन यह मानकर लोग शांत रहे कि सरकार सभी के भले के लिए ही यह कार्य कर रही है। अब नोटबंदी का तो असर नहीं रहा लेकिन उसका कोई फायदा आम आदमी को तो नहीं ही हुआ है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली को चाहिए कि आम बजट आम लोगों के हितों के अनुरूप लाया जाए। जिससे लोगों की समस्याएं कम हो सकें। आयकर में छूट का दायरा बढ़ाने के साथ ही महिलाओं के उत्थान के लिए बजट में जरूरी प्रावधान किया जाना चाहिए।