संयुक्त मोर्चा टीम। मुख्यालय
चर्चित आईएएस बी. चंद्रकला के लखनऊ में योजना भवन के पास स्थित सफायर अपार्टमेंट के फ्लैट 101 में शनिवार सुबह सीबीआई ने छापा मारा है। उस समय चंद्रकला फ्लैट में नहीं थी। टीम ने यहां से महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। चंद्रकला पर हमीरपुर में डीएम रहते खनन के पट्टा आवंटन नियमों की अनदेखी का आरोप है।
इसके अलावा, सीबीआई की टीम ने हमीरपुर और जालौन में मौरंग के बड़े कारोबारियों के घर छापेमारी की है। टीम ने जालौन में ठेकेदार व बसपा नेता रामअवतार राजपूत और करन सिंह राजपूत के यहां छापा मारा है। टीम यहां खनन से जुड़े दस्तावेजों को खंगल रही है। हमीरपुर में भी कारोबारियों के यहां छापामारी चल रही है।
-पहली पोस्टिंग हमीरपुर में मिली थी अखिलेश सरकार में 2008 बैच की आईएएस बी.चन्द्रकला की पहली पोस्टिंग हमीरपुर में जिलाधिकारी के पद पर की गई थी। चंद्रकला ने जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे किए थे। जबकि ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टों को स्वीकृति देने का प्रावधान है। इसके बाद निवर्तमान डीएम भवनाथ ने 2 और डीएम संध्या तिवारी ने 8 मौरंग खनन के पट्टों की स्वीकृति दी थी। बताया जाता है कि इस जिले में 60 मौरंग खनन के पट्टे गलत ढंग से पास किए गए थे।
-हाईकोर्ट ने सीबीआई को दिए थे जांच के आदेश
वर्ष 2015 में अवैध रूप से जारी मौरंग खनन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किए गए सभी 60 मौरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे। इसके बाद हाईकोर्ट ने 20 जून 2016 को नवीनीकरण और बाधित अवधि के मौरंग पट्टों के खनन पर रोक लगाते हुए निरस्त किए थे। याचिका कर्ता विजय द्विवेदी के मुताबिक, मौरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद भी जिले में अवैध खनन खुलेआम किया गया। 28 जुलाई 2016 को तमाम शिकायतें और याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।