संयुक्त मोर्चा टीम। अलीगढ़
समस्या बन चुके आवारा गोवंश एवं निराश्रित पशुओं से निपटने के लिए प्रशासन साढ़े सात हजार अतिरिक्त गोवंश रखने की व्यवस्था पर काम कर रहा है। जनपद में चल रही गोशालाओं की और अधिक क्षमता बढ़ाने की कार्रवाई भी की जा रही है।
यह जानकारी देते हुए डीएम चंद्रभूषण सिंह ने बताया कि प्रत्येक तहसील में गोवंश की रक्षा के लिए गो आश्रय केन्द्र खोले जा रहे हैं। इन केंद्रों पर पानी एवं चारे की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके लिए कोल, खैर, इगलास एवं गभाना के उप जिलाधिकारियों को 5-5 लाख रुपये बजट भी दिया गया है।
उप जिलाधिकारी एवं खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे गांव-गांव ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर लोगों को जागरूक करें। उनसे अपील की जाय कि दूध निकालने के बाद वे अपने पशुओं को आवारा के रूप में न छोड़ें और जो व्यक्ति अपने पशुओं को आवारा छोड़ते हैं उनको चिह्नित कर उनके विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए।
तहसील कोल कर्मियों ने गोशाला के लिए दिया एक दिन का वेतन
गोवंश के हित में बातें तो बहुत हो रही हैं, लेकिन गंभीरता तहसील कोल के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने दिखाई। उन्होंने वाजिदपुर नादा में बन रही गोशाला के लिए अपने एक दिन के वेतन के रूप में 2 लाख 33 हजार पांच सौ छियत्तर रुपये एकत्र कर दिये। एसडीएम कोल एवं ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जोगिंदर सिंह ने बताया कि यह दान स्वेच्छा से किया गया है। उन्होंने बताया कि इस गोशाला के लिए चार मीट फैक्ट्रियों हिंद एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड सीडीएफ जवां, अल हमद फूड प्रोडक्ट लिमिटेड उदला इलियासपुर, एचएमए एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड तालसपुर और अलदुआ फूड प्रोसेसिंग प्राइवेट लिमिटेड अमरपुर कोंडला ने भी सहयोग राशि देने की पेशकश की है।