अलीगढ़ / संयुक्त मोर्चा टीम
कश्मीर में मारे गए पत्थरबाजों के समर्थन और सेना की कार्रवाई के विरोध में बुधवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ ने शांित मार्च निकाला। साथ ही चेहरे पर सांकेतिक चोट बना लाल रंग की पट्टी बांधकर प्रदर्शन भी किया।
इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन भी जिला प्रशासन को सौंपा। छात्रसंघ के अध्यक्ष सलमान इम्तियाज की अगुआई में शांति मार्च मौलाना आजाद लाइब्रेरी से निकला, जो बाब-ए-सैयद होते हुए एएमयू सर्किल पर पहुंचा। इस दौरान निर्दोष को मारना बंद हो, कश्मीर की समस्या सुलझाएं, इंसानियत का सम्मान करें सहित अन्य स्लोगन की तख्तियां छात्रों के हाथों में थीं।
कश्मीर में मारे गए पत्थरबाजों के समर्थन और सेना की कार्रवाई के विरोध में एएमयू में निकले शांति मार्च के मौके पर एएमयू छात्रसंघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज ने कहा कि कश्मीर हो या कोई और जगह नफरत से समाधान नहीं हो सकता है। 15 दिसंबर को सात निर्दोष लोगों की मौत सुरक्षा कर्मियों की गोलियों से हो गई।
उन्होंने कहा कि बेहतर होता है कि भीड़ पर पानी की बौछार, लाठी चार्ज किया जाता। मगर ऐसा नहीं हुआ। अगर वाकई भीड़ अनियंत्रित हो रही है तो पैलेट गन का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन सीने के नीचे, चेहरे पर नहीं। सचिव हुजैफा आमिर ने कहा कि यह मार्च कश्मीर में मारे गए निर्दोष लोगों के लिए निकाला गया है।
उन्होंने कहा कि कहा जाता है कि कश्मीर हमारा है, तो कश्मीरी क्यों नहीं। उनके दर्द को समझना होगा। इस मार्च का मकसद पूरी दुनिया को बताना कि जुल्म के खिलाफ उठ जाइये। छात्रसंघ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ चुके छात्र नेता मुबिस्सर शाह हुसैन ने कहा कि सुरक्षा कर्मियों को कश्मीर में मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर को भारत का अटूट अंग सिर्फ जमीन के लिए माना जाता है, वहां के लोगों को नहीं। वरना निर्दोष आम नागरिक नहीं मारे जाते। अंत में एसीएम द्वितीय रेनू सिंह को छात्रों ने ज्ञापन सौंपा। रेनू सिंह ने कहा कि छात्रों ने कश्मीर को लेकर ज्ञापन सौंपा है, जिसे जिलाधिकारी के जरिये राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।