लखनऊ / संयुक्त मोर्चा टीम
शुरू हुआ सबसे बड़ा रेलवे इनोवेशन शो, विदेशी तकनीक की मदद से यात्रियों का सफर सुलभ बनाने पर जोर
विदेशी तकनीक की मदद से यात्रियों के सफर को सुलभ और सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे जुट गया है। इसी सिलसिले में राजधानी लखनऊ में सीआईआई की मदद से रेलवे 22 आरडीएसओ में तीन दिवसीय रेलवे इनोवेशन शो -इनो रेल 2018 की शुरुआत हुई। इस प्रदर्शनी में देश-विदेश के तमाम रेल पार्ट मैन्युफैक्चरर्स ने हिस्सा लिया। जर्मनी व जापान व तमाम यूरोपियन देशों की कंपनियों ने अपने स्टॉल लगाए। एग्जीबिशन का मुख्य फोकस जर्मनी के स्टॉल्स पर रहा जिनकी मदद से रेलवे ट्रेनों के कोच को बना रहा है।
आरडीएसओ के डीजी विरेंद्र कुमर व सीआईआई के चेयरमेन तिलक राज ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे तमाम तकनीक का इस्तेमाल करता आया है। अब नई तकनीकों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। इसी कारण है ये प्रदर्शिनी का आयोजन किया गया है। यात्रियों की सुरक्षा व उनकी सहूलियतों को बढ़ाने के लिए रेलव तमाम विदेशी कंपनियों के इक्विपमेंट्स प्रदर्शिनी में लगए गए।
प्रदर्शिनी में दिखे नए तरह के पहिए
यूरोपियन टेक्नोलॉजी के जरिए पहिए तैयार करने वाली कंपनी जीएचएच बोनाट्रान्स के रेप्रेजेंटेटिव ने बताया कि जो पहिए अब कई ट्रेनों में लगाए जाएंगे वह काफी मजबूत होंगे। अगर कोई शरारती तत्व ट्रैक पर पत्थर भी रख देता है तो उसका असर नहीं पड़ेगा।शताब्दी जैसी ट्रेनों में इस्तेमाल होने वाले कोच के लिए नए तरह के ब्रेकपैड लगाए जाएंगे। प्रदर्शिनी में रेन ब्रेक लाइनिंग नामक कंपनी ने अपना स्टॉल लगया था जिसमें एडवांस्ड ब्रेक पैड शोकेस किए जाएंगे।
इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए
आरडीएसओ के अधिकारियों के मुताबिक इनो रेल के जरिए नई तकनीक को आगे लाना है। नेशनल पालिसी फॉर एडवांस मैन्यूफैक्चरिंग में रेलवे अहम भूमिका निभाएगा। भारतीय रेलवे ने इसके लिए शार्ट टर्म और मीडियम टर्म एक्शन प्लान बनाया है। शार्ट टर्म एक्शन प्लान फरवरी 2019 तक, जबकि मीडियम टर्म एक्शन प्लान छह महीने से एक साल के भीतर साकार रूप लेगा।
इनो रेल में भी खास मौका
इस बार इनो रेल में जर्मनी, जापान, चीन और रूस सहित 14 देश हिस्सा ले रहे हैं। सिंगल विंडो सिस्टम के तहत स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए इनो रेल की वेबसाइट पर रेल डेवलपमेंट बंधु का लिंक होगा। बुलेट ट्रेन को लेकर विशेष सत्र आयोजित होगा। बोर्ड सदस्य ने बताया कि ट्रेनों को समय पर चलाने, सुरक्षित रेल सफर और उनकी ऑपरेशनल लागत को कम किया जा रहा है। एलएचबी बोगियों का उत्पादन पर अब जोर दिया जा रहा है। इसमें सिग्नल, ट्रैक, बोगियां, इंजन और रेल से जुड़ी हर उन्नत तकनीकी का प्रदर्शन किया। पहली बार इनो रेल में जर्मनी अपना सहयोग देगा और रेलवे की अत्याधुनिक तकनीकी की प्रदर्शनी लगाई है। ।आरडीएसओ अधिकारियों ने बताया कि इनो रेल में रेलवे की अत्याधुनिक तकनीकी का प्रदर्शन होगा। इससे पहले 2014 व 2016 में यह प्रदर्शनी लगी थी। अधिकारियों ने बताया कि मौके पर सेमिनार भी आयोजित होंगे।
इनो रेल का उद्देश्य उन्नत तकनीकी और भारतीय रेल की उत्पादन इकाइयों के बीच एक प्लेटफॉर्म मुहैया कराना है। ताकि, भारतीय रेल के आधारभूत ढांचे को और मजबूत बनाया जा सके। अधिकारियों ने बताया कि यह उद्योगों के लिए एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म है, जहां इनोवेशनों व तकनीकी सेवाओं से जुड़े उत्पादों का प्रदर्शन किया जा सकता है। दूसरी ओर यह रेलवे के लिए काफी मददगार साबित होता है।