
एसएमटी ब्यूरो। असुरराज रावण सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि तमाम बुराइयों का भी प्रतीक है। रावण का हर दशहरा पर वध किया जाता है। लेकिन आज के दौर में हमारे समाज में तमाम बुराइयां हैं, जो हम सभी के अंदर मौजूद हैं। यदि इनका वध नहीं किया गया तो यह मनुष्यों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। आखिर कब कलयुग के इन रावणों का अंत होगा। कब वास्तविक रूप से अधर्म पर धर्म, बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत होगी। यह कहना है मशहूर लेखिका व समाजसेविका मीनाक्षी जैन का।
0-इन रावणरूपी बुराइयों का कब होगा अंत
1-बलात्कार: देश में हर रोज बलात्कार की एक सैकड़ा से अधिक घटनाएं होती हैं, जिनमें हर चौथी पीड़िता नाबालिग लड़की होती है। ये डराने वाले आंकड़े बताते हैं कि हम इनसान से शैतान होते जा रहे हैं। कलियुग में इस बुराई रूपी रावण का वध करने के लिए हमें ही पहल करनी होगी।
2-गंदगी: स्वच्छता को लेकर व्यापक स्तर पर अभियान चलाने के बावजूद गंदगी से हमारा पीछा नहीं छूट रहा है। इसके लिए जिम्मेदार भी हम ही हैं। देश में हर रोज एक लाख मीट्रिक टन से अधिक कचरा निकलता है। इसके प्रबंधन की समुचित व्यवस्था नहीं है।
3-प्रदूषण: हमारे देश में प्रदूषण व्यापक स्तर पर है। प्रदूषक कण पीएम 2.5 का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। इस दशहरे हमें इस रावण को हर हाल में खत्म करना होगा।
4-भ्रष्टाचार: भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हम नेताओं को बुरा-भला कहते रहते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो साल में 45 फीसदी भारतीयों ने अपना काम निकलवाने के लिए रिश्वत का सहारा लिया।
5-गरीबी: गरीबी रूपी अभिशाप से पीछा छुड़ाना आसान नहीं है। देश में एक चौथाई आबादी गरीबी रेखा के नीर्चे ंजदगी बसर करने को मजबूर है। इस रावण को रोजगार रूपी हथियार से खत्म कर पाएंगे।
6-अशिक्षा: अगर समाज शिक्षित नहीं होगा तो उसका विकास भी नहीं होगा। वर्तमान में भारत में बड़ी संख्या में लोग शिक्षा के अधिकार से वंचित हैं। आने वाली पीढ़ी को शिक्षित करके ही बेहतर समाज की नींव रखी जा सकती है।
7-अंधविश्वास: हम भले ही 21वीं सदी में पहुंच गए हैं, लेकिन अंधविश्वास रूपी रावण का अंत नहीं हो पाया है। हाल ही में एक दर्जन से अधिक बाबा काली सूची में डाले जा चुके हैं। फिर भी लोगों का जादू-टोने की शरण में जाना बंद नहीं हुआ है।
8-स्वच्छता: जनपद को साफ और स्वच्छ बनाने के लिए नागरिकों, जन प्रतिनिधियों और सरकारी तंत्र को प्रभावी कदम उठाने होंगे। वर्तमान में गंदगी समाज में फैली सबसे बड़ी बुराई है। प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने घर, मोहल्ले, शहर, प्रदेश और देश को स्वच्छ और साफ-सुथरा बनाने के लिए श्रमदान करे।
9-नारी सम्मान: देवी पूजन सब करते हैं लेकिन नारी सम्मान क्यों नहीं। आज भी हमारे समाज में ऐसे लोग हैं। जिनके हाथों घरों में महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं। इस सोच को बदलने के साथ ही नारी का सम्मान करना होगा।