Home अलीगढ़ फिल्म मी -रक्सम में अलीगढ़ की बेटी छाई

फिल्म मी -रक्सम में अलीगढ़ की बेटी छाई

by vdarpan
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एसएमटी। मुंबई। मशहूर शायर और गीतकार कैफी आजमी की जन्म शताब्दी पर उनकी बेटी शबाना आजमी और बेटे बाबा आजमी ने मिलकर फिल्म मी रक्सम यानि मैं नाचूंगी का निर्माण किया है। यह फिल्म उन्होंने अपने पिता को ही अर्पित की है। मी-रक्सम ऐसी लड़की की कहानी है जो एक मुसलमानी खानदान से है और उसकी इच्छा है कि वह दक्षिण भारतीय डांस भरतनाट्यम में पारंगत हो और परफॉर्म करें। हालांकि उसके आसपास के सभी लोग और उसकी जात बिरादरी वाले इस बात के बिल्कुल खिलाफ होते हैं, इस लड़की के पिता ही अकेले ऐसे शख्स बनकर आते हैं जो उसके सपने को पूरा करने में अपनी बिरादरी वालों के खिलाफ खड़े होकर अपनी बेटी का साथ देते हैं। फिल्म में मुस्लिम लड़की का साथ निभाने वाली अंजलि का किरदार निभा रही अभिनेत्री अलीगढ़ की शिवांगी गौतम हैं। शिवांगी की मां महागनर के एक गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य व पिता संजीव गौतम एक निजी कंपनी में मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। शिवांगी की पढ़ाई अ‌वर लेडी फातिमा व दिल्ली पब्लिक स्कूल से हुई है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘जी 5’ पर रिलीज हुई बाबा आजमी द्वारा निर्मित और निर्देशित फिल्म ‘मी रक्सम’। इस फिल्म का नाम भी सांस्कृतिक समन्वय का संदेश देता है, जो अंग्रेजी, अरबी-फारसी और संस्कृत की ध्वनियों से युक्त है। यह फिल्म भारत की गंगा-जमुनी तहजीब के खूबसूरत रंगों को पर्दे पर बिखेरती है। यह फिल्म गंगा-जमुनी तहजीब के पैरोकार विख्यात शायर कैफी आजमी को श्रद्धांजलि भी है। कैफी साहब ने एक बार अपने बच्चों शबाना आजमी और बाबा आजमी से अपने गांव मिजवां में फिल्म की शूटिंग की इच्छा व्यक्त की थी। यह फिल्म आजमगढ़ के मिजवां में ही शूट की गई है।
0-यह है फिल्म की स्टोरी
सलीम (दानिश हुसैन) दर्जी है। उसकी पत्नी का देहांत हो चुका है। वह अपनी बेटी मरियम (अदिति सुबेदी) की परवरिश मां और बाप, दोनों की तरह करता है। मरियम भरमनाट्यम डांस सीखना चाहती है। सलीम उसका दाखिला उमा मैडम (सुदीप्ता सिंह) के डांस स्कूल में करा देता है। मरियम डांस में अच्छी है और बहुत जल्दी ही भरतनाट्यम में अच्छा करने लगती है। उमा मैडम उससे बहुत खुश रहती हैं। लेकिन सलीम के समाज के लोगों को यह बात नागवार गुजरती है। मिजवां का मुस्लिम लीडर हाशिम सेठ (नसीरुद्दीन शाह) सलीम से अपनी बेटी को भरतनाट्यम की शिक्षा दिलाने को बंद करने के लिए कहता है, पर सलीम उसकी बात नहीं सुनता। लिहाजा हाशिम के प्रभाव में मिजवां के मुसलमान सलीम की दुकान से कपड़ा सिलवाना बंद कर देते हैं। दूसरी तरफ उमा के डांस स्कूल को फंड मुहैया कराने वाले जयप्रकाश (राकेश चतुर्वेदी ओम) को भी कुछ खास पसंद नहीं है कि एक मुस्लिम लड़की भरतनाट्यम जैसा ‘हिंदू डांस’ करे। सलीम और मरियम को अपने समाज के साथ परिवार का भी कड़ा विरोध झेलना पड़ता है। मरियम की खाला जेहरा (श्रद्धा कौल), नानी (फारुख जफर) भी उसके भरतनाट्यम सीखने से बहुत खफा हैं, क्योंकि यह उनके मजहब के खिलाफ है। वे उसे भरतनाट्यम सीखना बंद करने को कहती हैं। मरियम चौतरफा विरोध और अपने पिता की तकलीफों से घबराकर एकबारगी टूट जाती है, लेकिन फिर कला को मजहब के आधार पर बांटने वालों के खिलाफ खड़ी हो जाती है। वह भरतनाट्यम सीखना जारी रखने का फैसला करती है। मरियम की मौसेरी बहन कुलसुम (जुहाना अहसान), अशफाक (कौस्तुभ शुक्ला) और जयप्रकाश की बेटी अंजलि (शिवांगी गौतम) इस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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