एसएमटी टीम। सुखकर्ता और विघ्नहर्ता कहलाने वाले गणपति इस साल कोरोना के कारण पंडालों में नहीं बल्कि घरों में ही विराजेंगे। शनिवार को गणेश चतुर्थी है और मान्यताओं के अनुसार उन्हें एक,तीन या दस दिन रखा जाता है यानि उनका विसर्जन एक सितम्बर को होगा। घरों में विराजने और सजने के लिये गणपति बप्पा पूरी तरह तैयार हैं। कोरोना से मुक्ति और देश की मंगल कामना के साथ गणपति घरों में स्थापित किए जाएंगे। अधिकतर लोग सामूहिक आयोजनों की जगह कोरोना के कारण घरों में ही मूर्तियां स्थापित कर रहे हैं। अलीगढ़ के मुख्य बाजारों में बिक्री के लिए मूर्तियां सज गई हैं।
बप्पा को क्या क्या चढ़ाएं
वल,सिंदूर, केसर, हल्दी, चन्दन,मौली औऱ लौंग जरुर चढ़ाएं, पूजा में दूर्वा का काफी महत्व है। कहा जाता है कि इसके बिना गणेश पूजा पूरी नहीं होती है.गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं. गणेश जी के पास पांच लड्डू रखकर बाकी बांट देने चाहिए.
इस मंत्र का करें जाप
घर में अगर गणेश जी की स्थापना हो रही है तो इस बात का ध्यान रखे की बप्पा की आरती सुबह औऱ शाम दोनों पहर होनी चाहिए. गणेश जी की कथा और गणेश चालीसा का पाठ अवश्य करें और “ओम् गं गणपतये नमः” मंत्र की एक माला का जाप करना चाहिए.
गणेश चतुर्थी के दिन चांद के दर्शन ना करें
गणेश चतुर्थी के दिन रात्रि में चंद्रमा के दर्शन न करें. इस दिन चंद्रमा के दर्शन करना शुभ नहीं माना जाता है। 22 तारीख को रात्रि में चंद्रमा के दर्शन करने से मिथ्या कलंक लग सकता है।
गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
मध्यान्ह गणेश पूजन मुहूर्त – 10:46 सुबह से 1:57 दोपहर तक
वर्जित चंद्रदर्शन का समय – 8:47 रात से 9:22 रात तक
चतुर्थी तिथि आरंभ – 21 अगस्त की रात 11:02 बजे से।
चतुर्थी तिथि समाप्त : 22 अगस्त की रात 7:56 बजे तक।