संयुक्त मोर्चा टीम। 14 अप्रैल।अलीगढ़. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अलीगढ़ में चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पहले चरण के चुनाव के बाद विपक्ष का टिकना मुश्किल हो गया है। नतीजे उन्हें अलीगढ़ से ताला खरीदने पर मजबूर कर देंगे। इससे पहले मोदी ने रविवार को जम्मू के कठुआ की सभा में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- जलियांवाला बाग में रखी गईं श्रद्धांजलि सभा पर भी कांग्रेस ने राजनीति की।
‘मुख्यमंत्री एक परिवार की भक्ति कर रहे’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं कल की ही बात बताता हूं। हमारे पड़ोस की घटना है। पूरा देश जलियांवाला बाग (की घटना) के 100 साल पूरे होने पर शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहा था, लेकिन इस अवसर पर भी कांग्रेस ने राजनीति कर ही डाली। देश के उपराष्ट्रपति जलियांवाला बाग गए थे…लेकिन सरकार के इस अधिकृत कार्यक्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री गायब थे…क्योंकि वे परिवार की भक्ति में जुटे थे। वे राहुल के साथ तो जालियांवाला बाग गए, लेकिन उपराष्ट्रपति के साथ उन्होंने जाना ठीक नहीं समझा।’’
मोदी ने और क्या कहा?
- कांग्रेस ने कभी सेना के पराक्रम और कौशल पर भरोसा नहीं किया। कांग्रेस के लिए यह सेना एक कमाई का साधन है। चाहे बोफोर्स हो, सबमरीन हो, हेलिकॉप्टर हो, मलाई खाने में उनका कोई जोड़ ही नहीं।
- कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के कारण देश के वीरोें के साथ न्याय नहीं किया। जब वे सर्जिकल स्ट्राइक या एयरस्ट्राइक पर सवाल उठा रहे होते हैं तो वे अपनी नाकामी छिपाते हैं।
- इस बार जम्मू-कश्मीर अपना सांसद नहीं चुन रहा, बल्कि नए भारत की अपनी नीति पर मुहर भी लगा रहा है। आपने देखा होगा कि कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की महामिलावट किस तरह खुल के सामने आ गई।
- आए दिन ये लोग जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने की धमकी दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के दो प्रधानमंत्री बनाने की बात कर रहे हैं। पहले पाकिस्तान भी न्यूक्लियर-न्यूक्लियर करके धमकाता रहता था, उसके न्यूक्लियर की हवा निकल गई कि नहीं? यह भी धमकियां दे रहे हैं…दो प्रधानमंत्री- दो प्रधानमंत्री…।
- कांग्रेस और उसके साथी, जम्मू कश्मीर के वंशवादी परिवार चाहे जितनी कोशिश कर लें, मोदी उनके सामने दीवार बनकर खड़ा है। मैं तीन-तीन पीढ़ी से यहां कब्जा जमाकर बैठे अब्दुल्ला परिवार और मुफ्ती परिवार को कहना चाहता हूं- यह मोदी है न बिकता है, न झुकता है, न डरता है।
- कांग्रेस के खून में ऐसे जर्म्स घुस गए हैं कि वह कह रही है जम्मू-कश्मीर से सेना हटा देगी। क्या जम्मू-कश्मीर के नागरिकों की इच्छा के बिना यह हो सकता है? यह आपकी पीठ में छुरा घोंपने का काम है।
- आज भले ही कांग्रेस कश्मीरी पंडितों का नाम लेने से घबरा रही हो, लेकिन यह चौकीदार उन्हें उनकी जमीन दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह काम शुरू हो चुका है। जो लोग पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से यहां आए हैं हम उनकी नागरिकता के लिए भी काम कर रहे हैं।
कांग्रेस से तीन गुना सीटें मिलने का दावा
मोदी ने कहा, ‘‘मैंने पूरा देश का भ्रमण किया है और मैं 2014 से ज्यादा लहर देख रहा हूं। मैं जितने भी सर्वे देख रहा हूं उनमें जितनी सीटें कांग्रेस को मिल रही हैं उससे तिगुनी सीटें भाजपा को मिल रही हैं। इसलिए अब कांग्रेस का बचना मुश्किल है।’’
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के पक्ष में की सभा
कठुआ, उधमपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है। प्रधानमंत्री ने यहां केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के पक्ष में रैली की। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री करण सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह से है। पिछली बार जितेंद्र सिंह ने यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को शिकस्त दी थी।
‘जो 40 सीटों पर भी चुनाव नहीं लड़ रहे, वे क्या पीएम बनेंगे’
मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से चौकीदार को गालियां दी जा रही हैं। पहले चरण के चुनाव के बाद अब विपक्ष का टिकना मुश्किल हो गया है। दरअसल ये लोग पराजय की कगार पर खड़े हैं। जो लोग (सपा-बसपा) चालीस सीट पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, वे क्या देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
“ये लोग जमीन से इतना कट चुके हैं कि पता भी नहीं कि पूरे पश्चिमी उत्तरप्रदेश के लोग बारीकी से देख रहे हैं। जिस उत्तरप्रदेश में चाय की दुकानों पर सरकारें बनती हैं उसे सपा और बसपा ने समझने में भूल कर दी। जाति की स्वार्थ भरी राजनीति नहीं चाहिए। लोगों को विकास चाहिए। पिछला विधानसभा उन्हें बता चुका है लोगों को सबका साथ और सबका विकास पसंद है। ये लोग सच्चाई स्वीकार नहीं कर रहे। इस बार के चुनावी नतीजे इन्हें ताला खरीदने के लिए मजबूर कर देंगे।”
सपा-बसपा पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने कहा, “पश्चिमी यूपी में कितना बड़ा पाप हुआ, पूरा देश इसका गवाह रहा है। अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए ऐसे लोगों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की दुख-तकलीफें, उन पर जो गुजरी, सब भुला दिया है। कुछ लोगों को राजनीति बदलनी थी, लेकिन उन्होंने भी अपना नारा बना लिया है- सबसे पहले परिवार और रिश्तेदार। उत्तरप्रदेश ने राजनीति का वह दौर भी देखा है, जब बाबा साहब के बताए मार्ग पर चलने की बात कहते-कहते उन्हें भी धोखा दे दिया गया। मोदी का मिशन है- आतंकवाद, भ्रष्टाचार और गरीबी को हटाना।”