Home अंतरराष्ट्रीय लीबिया संकट: हिंसक संघर्ष के बीच अमरीका ने त्रिपोली से सैनिकों की टुकड़ी को हटाया

लीबिया संकट: हिंसक संघर्ष के बीच अमरीका ने त्रिपोली से सैनिकों की टुकड़ी को हटाया

by vdarpan
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमरीका ने अफ्रीका कमांड के प्रमुख मरीन कॉर्प्स जनरल थॉमस वाल्डहोजर के हवाले से एक बयान में रविवार को कहा कि लीबिया में जमीनी स्तर पर सुरक्षा की स्थिति तेजी से जटिल हो रही और अप्रत्याशित हो रही है। बलों के समायोजन के साथ भी हम मौजूदा अमरीकी रणनीति के समर्थन में मुस्तैद रहेंगे। सुरक्षा चिंताओं के चलते सैनिकों की तैनाती स्थिति में बदलाव किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि इतालवी बहुराष्ट्रीय तेल व गैस कंपनी, एनी ने अपने सभी इतालवी कर्मियों को देश से निकालने का फैसला किया है। संयुक्त राष्ट्र भी कम जरूरी कर्मचारियों को हटाएगा। थॉमस ने ट्वीट करते हुए लिखा ‘सुरक्षा के हालात के मद्देनजर अमरीकी सेना की एक टुकड़ी अस्थायी रूप से लीबिया से स्थानांतरित हो गई है। हम स्थिति की निगरानी करते रहेंगे और नई अमरीकी सैन्य उपस्थिति की संभावना का आकलन करना जारी रखेंगे।’
मालूम हो कि पिछले सप्ताह लीबिया के सैन्य कमांडर जनरल खलीफा हफ्तार द्वारा अपनी सेनाओं को त्रिपोली में सरकार पर हमला करने का आदेश देने के बाद से देश में तनाव बढ़ गया है। जनरल हफ्तार की लीबियन नेशनल आर्मी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त ‘गर्वनमेंट ऑफ नेशनल अकार्ड’ से सत्ता अपने हाथ में लेना चाहती है। अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने लीबिया की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और जनरल हफ्तार के आक्रामक हमले की निंदा की। उन्होंने एक बयान में कहा कि त्रिपोली के खिलाफ एकतरफा सैन्य अभियान नागरिकों को खतरे में डाल रहा है और सभी लीबियाई लोगों के बेहतर भविष्य के लिए संभावनाओं को कम कर रहा है। प्रधानमंत्री फायेज अल-सेराज ने हफ्तार पर तख्तापलट का प्रयास करने का आरोप लगाया है और कहा कि विद्रोहियों को सुरक्षा बलों का सामना करना होगा। लंबे समय तक लीबिया पर शासन करने वाले शासक मुअम्मर गद्दाफी के 2011 में सत्ता से बेदखल होने और मारे जाने के बाद से लीबिया में हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। नए चुनावों के लिए रोड मैप तैयार करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र समर्थित वार्ता 14-16 अप्रैल को घदामेस शहर में होने वाली है। संयुक्त राष्ट्र दूत घासन सलाम ने जोर देकर कहा कि वार्ता आगे बढ़ेगी, जब तक कि गंभीर बाधाएं इसे नहीं रोकती हैं। उन्होंने कहा कि हम इस राजनीतिक कार्य को इतनी जल्दी नहीं छोड़ेंगे।

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