इस्लामाबाद।भारत-पाकिस्तान के बीच काफी विवाद होने के बावजूद करतारपुर कॉरिडोर बनने को लेकर दोनों देशों ने आपसी सहमति जताई है। अब इसको लेकर दोनों देशों की तकनीकी टीमें आगामी 16 अप्रैल को बैठक करेंगी। इस बैठक में दोनों देशों की ओर से कॉरिडोर के लिए सर्वे करने वाली टीम के सदस्य व इंजीनियर शामिल होंगे। बैठक के दौरान निर्मणा प्रक्रिया को लेकर चर्चा की जाएगी। बता दें कि पाकिस्तान के करतारपुर जिले में सिखों के सबसे पवित्र स्थलों में एक स्थल स्थित है, लिहाजा भारत के सिख समुदाय के लोगों को वहां जाने में काफी परेशानी होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने यह कदम उठाया है और पाकिस्ता से बातचीत करने के बाद करतापुर कॉरिडोर के निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है।
बता दें कि बीते वर्ष दोनों देशों ने आपसी बातचीत के बाद करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दी थी। सोमवार को पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने बताया कि दोनों देशों की तकनीकी टीम के सदस्य 16 अप्रैल को बैठक करेंगे जिसमें निर्माण प्रक्रिया की योजना पर चर्चा की जाएगी। मालूम हो कि इस बैठक के लिए भारत ने पाकिस्तान को प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव में भारत ने पाकिस्तान से कहा था ‘हम चाहते हैं कि इस कॉरिडोर का निर्माण गुरु नानक देव की 550वीं जयंती से पहले हो जाए।’ इसपर पाकिस्तान ने भारत के प्रस्ताव को स्वीकर किया और अब सोमवार को कहा है कि 16 अप्रैल को दोनों देशों की तकनीकी टीम बैठक करेंगी। मालूम हो कि करतारपुर कॉरिडोर के लिए पाकिस्तान सरकार ने 10 सदस्यों की एक समिति का गठन किया है। इसमें कई खालिस्तानी समर्थकों को भी शामिल किए जाने पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। बीते सप्ताह ही भारत ने कहा था कि पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे के तीर्थयात्रियों को सुविधाओं के बारे में मांगे गए स्पष्टीकरण पर जवाब नहीं दिया है। इसके अलावा गलियारे के लिए पाकिस्तान द्वारा नियुक्त समिति में शामिल विवादास्पद तत्वों के बारे में उसकी चिंताओं को दूर नहीं किया है।
करतारपुर कॉरिडोर: पाकिस्तान ने भारत के प्रस्ताव को स्वीकारा, 16 अप्रैल को होगी बैठक
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