Home अलीगढ़ थाने में संघ कार्यवाह और परिजनों को पीटा, पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड

थाने में संघ कार्यवाह और परिजनों को पीटा, पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड

by vdarpan
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अलीगढ़ / संयुक्त मोर्चा टीम

महानगर के सासनी गेट थाने के पुलिस स्टाफ  की हरकत ने गुरुवार रात बड़ा बखेड़ा खड़ा करा दिया। खुद के बेटे संग मारपीट की शिकायत लेकर पहुंचे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की केशव नगर शाखा संघ कार्यवाह और परिजनों पर पुलिस टीम ने मारपीट कर लाठियां बरसा दीं और पिस्टल तक तान दी। मारपीट में संघ कार्यवाह का दांत टूट गया।

खबर पर पहुंचे भाजपाइयों ने थाने का घेरावकर जमकर हंगामा काटा और पुलिस विरोधी नारेबाजी की। इस दौरान खुद को बचाने के लिए इंस्पेक्टर के केबिन में बंद हुई पुलिस टीम को बाहर खींचने के लिए केबिन का दरवाजा तक उखाड़ दिया। बवाल की खबर पर पहुंचे भाजपा विधायकों व एसएसपी सहित अन्य अधिकारियों ने हंगामा शांत कराया।

एसएसपी ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस टीम की गलती मानते हुए फिलहाल पांच पुलिसकर्मियों को तत्काल सस्पेंड करने और गैर जनपद तबादले की प्रक्रिया कराने का भरोसा दिलाया, तब हंगामा शांत हुआ। मामले की जांच एसपी सिटी को सौंपी है। इस मारपीट में जख्मी हुए संघ कार्यवाह व उनके बेटे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटनाक्रम के अनुसार कोतवाली के मानिक चौक निवासी संघ कार्यवाह श्याम सुंदर गुप्ता का बेटा गौरव अपने मोहल्ले के ही दोस्त आशू पुत्र अनिल के साथ रात करीब 9 बजे किसी काम से स्कूटी से फूल चौराहा शिब्बो कचौड़ी वाले की दुकान के पास गया था। जहां एक ढकेल वाले से स्कूटी टकराने के विवाद पर ढकेल संचालक व उसके समर्थकों ने मारपीट कर दी। आरोप है कि इस दौरान गौरव की जंजीर लूट ली। इसी बीच सूचना पर आई सासनी गेट पुलिस गौरव, आशू व ढकेल वाले को पकड़कर थाने ले गई। इस सूचना पर श्याम सुंदर अपने दूसरे बेटे पारस, राहुल संग थाने पहुंच गए। आरोप है कि उस समय थाने में मौजूद दरोगा राजू राणा व मदन पाल ने उल्टा गौरव व आशू के खिलाफ  मुकदमा लिखने की बात कही। इस पर श्याम सुंदर ने विरोध किया तो पुलिसकर्मी अभद्रता पर उतर आए। उन्हें धक्के मारकर बाहर जाने को कहने लगे।

इस पर श्याम सुंदर ने थाने के पास ही रहने वाले भाजपा नेता राजेश यादव को बुला लिया। आरोप है कि उनके आने पर पुलिसकर्मी भड़क गए और फिर थाने का मैन गेट बंद कर, वायरलेस भी बंद कर और सीसीटीवी कैमरों को घुमाकर इन सभी संग मारपीट शुरू कर दी। इतना ही नहीं जमकर लाठियां भी बरसाईं। पिस्टल तक तान दी।

यह लोग पिटने से बचने के लिए थाने से निकलकर जयगंज में सासनी गेट चौराहे की ओर दौड़े तो पुलिसवालों ने वहां भी पीछे दौड़ाकर लाठियाया। इसी बीच सूचना पर इलाके के तमाम भाजपा कार्यकर्ता थाने पहुंच गए और घटनाक्रम समझकर विरोध शुरू किया तो मारपीट व लाठियां बरसाने में शामिल सभी पुलिसकर्मी इंस्पेक्टर के केबिन में बंद हो गए। इस पर भाजपाइयों ने नारेबाजी करते हुए उन्हें बाहर निकालने की कोशिश में केबिन का कांच व एल्युमीनियम का गेट उखाड़ दिया।

इसी बीच खबर पर पहुंचे सीओ प्रथम विशाल पांडेय से भी नोकझोंक व धक्का-मुक्की हो गई। तब तक शहर विधायक संजीव राजा, कोल विधायक अनिल पाराशर, पूर्व मेयर शकुंतला भारती, महानगर अध्यक्ष विवेक सारस्वत, उपाध्यक्ष सुबोध स्वीटी, प्रदीप पेंटर, आरएसएस के जिला प्रचारक जितेंद्र, महानगर कार्यवाह ललित जी, युवा मोर्चा अध्यक्ष निखिल माहेश्वरी आदि तमाम लोग पहुंच गए। साथ में एसएसपी आकाश कुलहरि, एसपी सिटी आशुतोष द्विवेदी, एडीएम सिटी एसबी सिंह, कई सीओ व इंस्पेक्टर भी आ गए।

अधिकारियों व वरिष्ठ नेताओं ने हंगामा शांत कराने के बाद सीसीटीवी फुटेज देखे। इस दौरान अधिकारियों के सामने मुकदमा व तत्काल निलंबन की बात रखी गई। इस पर एसएसपी ने सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया कि पुलिस ने यहां धैर्य खोकर कानून तोड़ा है। इसके लिए पुलिस टीम लीडर के रूप में उन्होंने गलती मानते हुए खेद व्यक्त किया और घटना में फौरी तौर पर दोषी पाए जा रहे पांच पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर गैर जनपद तबादला कराने की बात कही। इस पर सभी मान गए और थाने से चले गए। मुकदमे को लिखी गई तहरीर भी वापस ले गए। वहीं ढकेल संचालक पुलिस हिरासत में है।

कप्तान के सामने कोतवाल पर निकाला गुबार
जिस वक्त यह घटनाक्रम हुआ, उस वक्त इंस्पेक्टर सासनी गेट अरुणा राय नुमाइश ड्यूटी में गई हुई थीं। घटना की जानकारी मिलने पर अन्य अधिकारियों के साथ-साथ वह भी थाने पहुंचीं, जहां भाजपा कार्यकर्ताओं व स्थानीय लोगों ने एसएसपी के सामने इंस्पेक्टर व उनके थाने के स्टाफ  के प्रति जमकर गुबार निकाला। यहां तक कह दिया कि ऐसा माहौल शहर के किसी अन्य थाने में नहीं है, जैसा कि यहां पर है। जिस पर एसएसपी ने भविष्य में ऐसा न होने का भरोसा दिलाया।

पुलिस मित्र पर चली लाठी-पिस्टल तानी
एसएसपी व अन्य पुलिस अधिकारी सीसीटीवी देखकर उस समय हैरान रह गए जब जयगंज के भाजपा नेता व पुलिस मित्र के रूप में सक्रिय रहने वाले राजेश यादव सबसे पहले वहां पहुंचने वालों में शामिल थे। विवाद पर वह दोनों पक्षों में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे थे। दोनों पक्षों को अलग कर रहे थे। आरोप है कि इतने पर भी पुलिसकर्मियों ने उन पर लाठियां बरसाईं और एक दरोगा ने सीने पर पिस्टल तानकर यहां तक कह दिया कि आज हट जाओ वरना गोली चला दूंगा।

इस पूरे मामले में प्रारंभिक तौर पर सीसीटीवी देखकर मौजूद पुलिस स्टाफ  की गलती सामने आई है। इस आधार पर सभी को तत्काल निलंबित करने व गैर जनपद तबादले के लिए डीओ लेटर लिखने का निर्णय लिया गया है। भाजपा विधायकों व कार्यकर्ताओं को समझाकर शांत किया गया है। बाकी पूरे प्रकरण की जांच एसपी सिटी को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट पर अग्रिम कार्रवाई होगी।

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