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अतिक्रमण ः कई रसूखदारों की दीवारें ध्वस्त

by vdarpan
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संयुक्त मोर्चा टीम। अलीगढ़

पिछले कुछ दिनों से शहर में विभिन्न स्थानों पर चल रहा अतिक्रमण हटाओ अभियान बुधवार को केला नगर चौराहे पर पहुंचा। यहां से मेडिकल रोड चौराहे तक के अतिक्रमण हटाए गए। इस दौरान 1957 में विधानसभा चुनाव में बुलंदशहर की एक सीट से विधायक रहे इर्तिजा हुसैन सहित कई सरकारी सेवाओं में रहे रसूखदारों की कोठी की वाउंड्री भी महाबली ने ढहा दी। पूरा अभियान शांतिपूर्वक तरीके से चला। कुछ लोग स्वयं ही अवैध कब्जा हटा रहे थे। इस दौरान पुलिस फोर्स मुस्तैद रहा। 

बुधवार को सुबह करीब 11 बजे पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम केला नगर चौराहे पर पहुंची। यहां पर चौराहे पर किनारे पर बाहर की ओर बनी बीयर की दुकान को ध्वस्त कर दिया गया। मेडिकल रोड चौराहे की ओर बढ़ते हुए सिंचाई विभाग की कालोनी की वाउंड्री को भी ढहा दिया गया। दाहिनी ओर जब जेसीबी ने कब्जा ध्वस्त किया तो साफ देखा जा सकता था कि मकानों और दुकानों की वास्तविक हद निकल कर आ गई थी।

इस दौरान मकान और दुकान स्वामी स्वयं भी मलवा आदि हटाने में लगे रहे। इसी क्रम में 1957 में डिबाई की एक सीट से विधायक रहे इर्तिजा हुसैन की कोठी की वाउंड्री ढहा दी गई। यहां पर होटल, पेंट वालों आदि स्वयं ही अपनी बढ़ी हुई हद को अंदर करने में लग गए। अभियान के दौरान एक छह मंजिला निर्माणाधीन इमारत का सबसे ज्यादा अवैध कब्जा था।

इस इमारत ने ऊपर की मंजिलों का छज्जा सड़क की ओर बहुत ही आगे निकाल रखा है। नीचे से जेसीबी ने कब्जा साफ कर दिया। लेकिन ऊपर के हिस्से को गिराने के लिए भवन स्वामी को चेतावनी दे दी गई है। यहां पर लोगों ने एडीए की भूमिका पर भी सवाल उठाए। आखिर इस तरह के निर्माण की अनुमति किस आधार पर दे दी गई। 

सड़क के बीच में से 7.20 मीटर एक ओर व 7.20 मीटर दूसरी ओर चिह्नांकन किया गया है। इसको पैमाना मानते हुए अतिक्रमण को ध्वस्त किया जा रहा है। पूरा अभियान शांति पूर्वक रहा है। जनता ने बहुत सहयोग किया है। अधिकांश लोग स्वयं ही कब्जे हटा रहे हैं। शहर को सुंदर बनाने में जनता का सहयोग आपेक्षित है
– अजीत राय, कर अधीक्षक, नगर निगम

शटर के आगे शटर
अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान केला नगर चौराहे पर ऐसी दुकानें निकली हैं जिनका मूल शटर पीछे है। दुकानदारों ने दाएं और बाएं शटर लगाकर ही पार्टीशन कर लिया है। सामने की ओर शटर लगाकर दुकान को आगे बढ़ा लिया है। जेसीबी के कब्जा हटाते ही मूल दुकान सामने आ जाती है। इस बात को लेकर स्थानीय लोगों और राहगीरों में चर्चा रही। इसी तरह घरों के आगे कभी खाली जगह रही होगी, जिन्हें बाद में आगे छत और दीवारें खड़ी करके घर में मिला लिया गया। जब कब्जा ध्वस्त किया गया तो मकानों की वास्तविक दीवार साफ देखी जा सकती थी। 

21 दिसंबर 2018 के शासनादेश से चल रहा है अभियान
21 दिसंबर 2018 को प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन मनोज कुमार सिंह ने प्रदेश के सभी नगर निगमों के आयुक्त और स्थानीय निकाय निदेशक को पत्र लिखा कि नगरीय निकाय की संपत्तियों से अतिक्रमण और अवैध कब्जे हटाना और इन पर कब्जे नहीं होने देना सुनिश्चित करें। (पत्र की कापी अमर उजाला के पास है)। इसके साथ ही अवैध विज्ञापन पटों को पाटना और पट नहीं लगने देना भी सुनिश्चित करें। अवैध पार्किंग को भी रोकें। इसके लिए प्रवर्तन दल गठित करने की भी बात कही गई है। 

रसलगंज में भी चिह्नांकन हुआ
जल्द ही अतिक्रमण हटाओ अभियान रसलगंज की ओर रुख करेगा। नगर निगम की टीम ने वहां चिह्नांकन का काम शुरू कर दिया है। इस दौरान यह भी तथ्य प्रकाश में आया है कि यहां सड़क पर जो डिवाइडर बना है वह सेंटर में नहीं है। उस समय ठेकेदार ने इसे सड़क के नक्शे के केंद्र से नहीं बनाया गया है। इसलिए नगर निगम नक्शा नजरी के आधार पर इसका चिह्नांकन करेगा। यह इलाका अतिक्रमण की सबसे ज्यादा चपेट में है। नगर निगम के मुताबिक जिला महिला अस्पताल का गेट सही जगह पर है। इसको मानक मानकर बाहर की ओर जो भी दुकानें हैं वह अवैध कब्जा हैं। 

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