Home अलीगढ़ पुलिस की पाठशाला में बच्चों से एसपी ने की अपील, कहा- तोड़ो चुप्पी, हम हैं साथ

पुलिस की पाठशाला में बच्चों से एसपी ने की अपील, कहा- तोड़ो चुप्पी, हम हैं साथ

by vdarpan
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अलीगढ़ / संयुक्त मोर्चा टीम
अमर उजाला फाउंडेशन द्वारा लार्ड कृष्णा पब्लिक स्कूल में आयोजित पुलिस की पाठशाला में एसपी जयप्रकाश ने छात्राओं को यह गुरुमंत्र दिया कि वह कैसे अपनी सुरक्षा कर सकती हैं। एसपी ने छात्राओं से कहा कि वह किसी भी तरह का उत्पीड़न न सहन करें और अपनी खामोशी तोड़ें। पुलिस हर तरह से उनका सहयोग करने के लिए तैयार है। एसपी ने पुलिस के गठन से लेकर संविधान के सार और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के बारे में छात्राओं को बारीकी से समझाया। उन्होंने वूमेन पावर हेल्प लाइन 1090, 100 नंबर के बारे में भी छात्राओं को विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस देश में कानून सभी के लिए समान है। कानून से खिलवाड़ करने की किसी को इजाजत नहीं है।
कार्यक्रम की शुरूआत एसपी ने मां सरस्वती के छविचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर की। तदुपरांत विद्यार्थियों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। स्कूल के प्रेसीडेंट देवस्वरूप शर्मा व प्रधानाचार्य अरुण कुमार शर्मा ने एसपी का स्वागत किया। छात्राओं को संबोधित करते हुए एसपी ने पुलिसिंग सिस्टम की बारीकी से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 1860 में अंग्रेजों के शासनकाल में पुलिस व्यवस्था इजाद की गई। उन्होंने पुलिस में सिपाही से लेकर डीजीपी तक के पदों और थानों के सृजन तक के बारे में जानकारी दी।

एसपी ने कहा कि बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून बेहद संवेदनशील है। यदि सात साल तक का बच्चा कोई अपराध कर देता है तो उसे अपराध नहीं माना जाता। सात से 12 वर्ष तक का बच्चा कोई अपराध कर देता है तो पहले यह देखा जाता है कि उनका मानसिक विकास हुआ है या नहीं। 12 वर्ष से 16 अथवा 18 वर्ष के अपराधी को सुधरने का पूरा मौका दिया जाता है। उसे बाल सुरक्षा गृह में भेजा जाता है।

एसपी ने कहा कि समय के साथ-साथ कानूनों में भी काफी बदलाव आए हैं। वर्ष 2012 में वूमैन पावर हेल्पलाइन बनाई गई। इस पर की गई शिकायतों को वहां तैनात महिला कांस्टेबिल ही सुनती हैं। शिकायत के आधार पर तत्काल कार्रवाई भी होती है और शिकायतकर्ता का नाम भी नहीं खोला जाता। महिलाओं की रक्षा के उद्देश्य से यह वूमैन पावर हेल्पलाइन बनाई गई है।

उन्होंने छात्राओं से कहा कि यदि उनके साथ कुछ गलत हो रहा है तो वह बिना किसी झिझक के पुलिस से शिकायत करें। पुलिस को अपना सहयोगी मानें। पुलिस अधीक्षक ने छात्राओं से यह भी अपील की कि वह अपने अधिकारों को पहचानें। भारतीय संविधान की प्रस्तावना पढ़ें। तब उन्हें उनके अधिकारों के बारे में पता चलेगा। एसपी ने छात्राओं को बताया कि हाथरस जिले में 400 से ज्यादा मौतें हर साल सड़क दुर्घटना में होती है। छात्राएं अपने अभिभावकों को हेलमेट और सीट बैल्ट लगाने के लिए प्रेरित करें तो यह संख्या काफी कम हो सकती है। जल, वायु, ध्वनि प्रदूषण से होने वाले खतरों के प्रति भी एसपी ने सचेत किया और आने वाले समय में इनके दुष्परिणामों के बारे में भी बताया। कार्यक्रम के अंत में संस्थान के प्रेसीडेंट देवस्वरूप शर्मा ने एसपी का आभार जताया। संचालन विद्यालय के शिक्षक गोविंद उपाध्याय ने किया
पुलिस की पाठशाला में छात्राओं ने एसपी से एसिड अटैक से लेकर बुलंदशहर कांड तक को लेकर सवाल दागे तो एसपी ने उन्हें उत्तर देकर संतुष्ट कर दिया। एक छात्रा ने बुलंदशहर में एक पुलिस इंस्पेक्टर की बवाल में हुई मौत के बारे में जब यह पूछा कि पुलिस आम लोगों की सुरक्षा का दावा करती है लेकिन बुलंदशहर में तो एक पुलिस इंस्पेक्टर की ही हत्या कर दी गई तो इस पर एसपी ने कहा कि पुलिस की ड्यूटी बेहद कठिन है। बॉर्डर पर फौजी को यह पता रहता है कि दुश्मन कौन है लेकिन पुलिस को यह पता नहीं होता कि कौन दुश्मन है और ऐसे में पुलिस के साथ अक्सर धोखा होता है। पुलिस को बेहद संयम से अपनी ड्यूटी करनी होती है।

एक छात्रा ने जब एसिड अटैक को लेकर सवाल पूछा तो एसपी ने कहा कि पहले एसिड अटैक सामान्य अपराध था लेकिन अब कानूनन इसमें 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा है। पीड़िता को आर्थिक सहायता भी दी जाती है। एक छात्रा ने जब यह रोचक सवाल पूछा कि उसके पापा के पास लाइसेंस नहीं था तो उसके पापा की गाड़ी का चालान पुलिसकर्मी ने कर दिया तो क्या हर पुलिसकर्मी के पास लाइसेंस होता है तो एसपी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि कोई अपराध करने की किसी को छूट नहीं है, चाहे वह पुलिसकर्मी हो या फिर सामान्य आदमी।

बढ़ते अपराधों पर उन्होंने कहा कि इसके लिए जनसहयोग की जरुरत है। वैसे अब जल्द ही पुलिस में भर्तियां हो रही हैं। कुछ अन्य सवालों के एसपी ने सटीक जवाब दिए। सवाल पूछने वाली छात्राओं में भूमि राना, अंजलि दीक्षित, तनुजा, लता कुमारी, प्रिया वर्मा, प्रीति कुमारी, सृष्टि, जागृति, मनोरमा कर्दम, अंशिका रावत आदि शामिल थी।

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