अलीगढ़ / संयुक्त मोर्चा टीम
जिले व आसपास के लोग जिस पासपोर्ट सेवा केंद्र का वर्षों से इंतजार कर रहे थे, वह आखिरकार बुधवार को खत्म हो गया। पहले दिन 20 आवेदकों के दस्तावेजों का सत्यापन हुआ। हालांकि बाद में रोजाना 50 आवेदकों के कागजातों का सत्यापन किया जाएगा। सांसद सतीश गौतम के भाई के निधन के कारण इसका उद्घाटन समारोह टल गया था। अब शुक्रवार को शाम चार बजे सांसद इस कें द्र का औपचारिक उद्घाटन करेंगे।
प्रधान डाकघर परिसर में खुले पासपोर्ट सेवा केंद्र पर दस्तावेजों का सत्यापन कराने के लिए अधिकारियों की ओर से 20 लोगों को समय दिया गया था। सुबह 10 बजे से ही यहां आवेदकों का आना शुरू हो गया। दोपहर 12 बजे से आवेदकों के दस्तावेजों के सत्यापन सहित अन्य कागजी कार्यवाही पूरी कराई गई।
शुरुआत में गाजियाबाद पासपोर्ट कार्यालय की ओर से यहां दो कर्मचारी आए हैं। इनके सहयोग के लिए डाक विभाग के दो बाबूओं को लगाया गया है। वरिष्ठ डाक अधीक्षक जीएन प्रसाद ने बताया कि पहले लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए गाजियाबाद जाना होता था, लेकिन अब वहां मिलने वाली सभी सुविधाएं यहां उपलब्ध होंगी। प्रतिदिन 50 लोगों के दस्तावेजों का सत्यापन होगा। अलीगढ़ के अलावा आस-पास के जिलों के लोग भी यहां से पासपोर्ट बनवा सकते हैं।
अधूरी तैयारी के साथ काम शुरू करने से आई परेशानी
सरकारी व्यवस्था के ढीले ढर्रे से लोगों को पासपोर्ट सेवा केंद्र में परेशानी झेलनी पड़ी। जिन आवेदकों को बुधवार को दस्तावेज सत्यापन कराने की तारीख मिली थी। वह सुबह 10 बजे से ही वहां पहुंचने लग गए थे। मगर, कें द्र पर व्यवस्थाएं सुचारु नहीं होने के कारण लोगों को दो घंटे तक बाहर खड़े रहकर ही इंतजार करना पड़ा। आलम यह था कि आखिरी वक्त पर कार्यालय के अंदर कंप्यूटरों की दिशा बदली जाती रही। वहां आवेदकों के बैठने और पेयजल की भी व्यवस्था नहीं की गई थी।
मेरा पहला नंबर
किसी ने विदेश में नौकरी तो किसी ने पायलट भाई के साथ हवाई उड़ान भरने को बनवाया पासपोर्ट
जनपद को मिली पासपोर्ट सेवा केंद्र की सौगात में फ्रेंडस कालोनी की अर्शी के लिए बेहद खास रही। बुधवार को सत्यापन के लिए आए आवेदकों में अर्शी का पहला नंबर आया। इससे अर्शी जनपद के पासपोर्ट केंद्र पर पहला पासपोर्ट बनवाने वाली महिला बनीं। अर्शी ने कहा कि वह खुद को बहुत ही गौरवशाली महसूस कर रही हैं। पासपोर्ट बनने के बाद वह विदेश जाएंगी।
विदेश में नौकरी करने का सपना है। भाई भी लंदन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। अब उनके पास जाकर ही वहां नौकरी करूंगा। काफी समय से पासपोर्ट बनवाने की सोच रहा था। मगर, गाजियाबाद के चक्कर काटने के कारण पासपोर्ट नहीं बनवा रहा था। आज मेरे दस्तावेजों का सत्यापन हो गया। जल्द ही पासपोर्ट आ जाएगा।
– चौधरी अरुण कुमार
लंबे समय से यहां पासपोर्ट सेवा केंद्र के खुलने का इंतजार कर रहा था। जैसे ही केंद्र के 28 नवंबर को शुरू होने की सूचना मिली। मैंने 21 नवंबर को वेबसाइट पर जाकर फार्म भर दिया। खुशी मिल रही है कि केंद्र के शुरू होने के पहले दिन ही पासपोर्ट बनने की प्रक्रिया हुई।
– अभिषेक गर्ग
मेरा भाई पायलट है। वह कई बार मुझे जहाज में बैठाकर विदेश ले जाने की बात कह चुका है। मगर, पासपोर्ट नहीं होने के कारण में जा नहीं सकी। अब हवाई जहाज में बैठने और विदेश घूमने का सपना पूरा होने वाला है। इसको लेकर बहुत खुश हूं।
– सरला देवी