अलीगढ़ / संयुक्त मोर्चा टीम
शहर के गांधीपार्क मार्केट में स्थित परिषदीय स्कूल के शिक्षकों ने पहले तो खुद चंदा कर पाई-पाई जुटाई। इसके बाद समाजसेवी का सहयोग लेकर स्मार्ट क्लास बनवाई। इसके बाद इस स्मार्ट क्लास का उद्घाटन बुधवार को बीएसए डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय, नगर बीईओ हेमलता सिंह व समाजसेवी तरुण अग्रवाल ने किया। इसी के साथ यह विद्यालय शहर का पहला विद्यालय बन गया है। जहां पर स्मार्ट क्लास हैं। हालांकि अधिकारियों के मुताबिक शहर में और भी स्मार्ट क्लास बनेंगी।
बता दें कि गांधीपार्क मार्केट में चल रहे बालक पाठशाला संख्या 31 में बुधवार को बीएसए ने स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया। लेकिन इस स्मार्ट क्लास को बनाने में सबसे ज्यादा अहम भूमिका शिक्षकों ने निभाई है। इस परिसर में बालक पाठशाला संख्या 32 भी संयुक्त रूप से संचालित है। वहीं 50 मीटर की दूरी पर बालक पाठशाला संख्या 38 भी संचालित है।
इसी परिसर में कार्यरत शिक्षामित्र लक्ष्मी ने अपने भाई तरुण अग्रवाल से आग्रह कर 11 हजार रुपये का सहयोग विद्यालय के लिए लिया। वहीं इसके बाद शिक्षकों ने आपस में चंदा कर बाकी रुपयों से प्रोजेक्टर, स्पीकर व एंपीफायर लेकर आए। यह सेट लगभग 15 हजार रुपये का आया। जबकि कमरे की रंगाई, पुताई आदि में भी अलग से खर्च हुआ। जिसका वहन भी शिक्षकों ने आपसी सहयोग से किया।
इस तरीके से शहर में यह पहला विद्यालय है, जिसमें स्मार्ट क्लास चालू हो गई है। स्मार्ट क्लास के शुरू होते ही बच्चों में भी पढ़ने की उत्सुकता बढ़ी है। वहीं इस कार्य में विजय कुमार गौतम का भी काफी सहयोग रहा है। इस मौके पर आभा सिंह, विमलेश, क्षेत्रीय पार्षद भूदेव सिंह, संजय कुमार आदि मौजूद रहे।
17 लाख निधी से बन रहे निर्माण कार्य का किया निरीक्षण
गांधीपार्क मार्केट में संचालित बालक पाठशाला संख्या 31, 32 व 38 वाला परिसर शहर का सबसे अच्छा परिसर है। यहां पर विभाग के पास जमीन भी काफी है। वहीं इस परिसर में नए भवन, बाउंड्रीवॉल बनाने के लिए डीएम चंद्रभूषण सिंह ने 17 लाख की निधि जारी की थी। जिसके तहत निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है। जिसका बुधवार को बीएसए ने निरीक्षण भी किया।
हमने बच्चों के हित को देखते हुए स्मार्ट क्लास शुरू कराई है। इससे बच्चे अब काफी खुश नजर आ रहे हैं। वहीं अब बच्चों की उपस्थिति भी बढ़गी। ऐसे में बच्चे खेल-खेल में बहुत सारा ज्ञान भी प्राप्त कर सकते हैं। – नसीमा, प्रधानाध्यापिका।
शिक्षकों का यह कार्य काफी काबिल-ए-तारीफ है। इससे अन्य शिक्षकों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए। स्मार्ट क्लास शुरू होने से बच्चों के परिजन भी खुश नजर आ रहे हैं। बच्चे अब अपने स्कूल को छोड़कर घर नहीं बैठेंगे। पूरा प्रयास किया जाएगा कि जल्द ही अन्य स्मार्ट क्लास भी शहर में संचालित हो सकें। – हेमलता सिंह, खंड शिक्षाधिकारी नगर
शिक्षकों की पहल काफी अच्छी है। शहर का पहला स्मार्ट क्लास खुद के प्यास से बनवाने का श्रेय भी शिक्षकों को ही जाता है। ऐसे लोगों को और प्रोत्साहित किया जाएगा। – डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय, बीएसए