विशेष संवाददाता। दिल्ली।
35वीं मन की बात में प्रधानमांत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब, हरियाणा में हुई हिंसा पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि आस्था के नाम पर किसी को भी कानून हाथ में लेने का अधिकार नहीं।
मन की बात में पीएम ने कहा कि 29 अगस्त को पूरा देश राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाता है। इस दिन हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जन्मदिवस है। मैं ये इसलिए बता रहा हूं कि हर युवा खेल से जुड़े। खेल एक तरह से दिलों का मेल हैं। हमारे देश की युवा पीढ़ी आधुनिक तकनीक में आगे आई है। आप कंप्यूटर पर क्रिकेट तो खेलते होंगे लेकिन खेल के मैदान में खेलिए। पहले बच्चे घर से बाहर जाते थे तो मां पूछती थीं कि कब आओगे। लेकिन कंप्यूटर गेम ने हालात ऐसे पैदा कर दिए हैं कि मांएं पूछती हैं बेटे तुम कब बाहर जाओगे। शिक्षक दिवस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच सितंबर को हम सब शिक्षक दिवस मनाते हैं। इस दिन देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर राधाकृष्णन का जन्मदिवस भी है। लेकिन वो हमेशा खुद को एक टीचर कहलवाना ही पसंद करते थे। इस बार शिक्षक दिवस पर क्या हम एक संकल्प कर सकते हैं? हर किसी को पांच साल के लिए किसी संकल्प से बांधिए। उसे आगे बढ़ने का माहौल दीजिए। ये काम हमारे देश के शिक्षण संस्थान कर सकते हैं।
उन्होंने कहा है कि आस्था के नाम कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को भी नहीं है। चाहे वो व्यक्ति हो या कोई समूह हो किसी को भी देश बर्दाश्त नहीं करेगा। हिंसा किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कानून दोषिओं को सजा देगा। दोषियों को कानून के आगे झुकना होगा। दोषियों को सजा जरूर दी जाएगी। सरकार इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगी। मन की बात में पीएम मोदी ने देशवासियों को गणेश उत्सव की शुभकामनाओं के साथ मुस्लिमों को ईद उल अजहा की भी मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि त्योहार का मतलब है साफ सफाई। इस दौरान हमें घरों में साफ सफाई रखनी चाहिए। साफ सफाई कोई नई बात नहीं है। पहले की तुलना में गणेश उत्सव पर भी बड़े स्तर पर बदलाव आया है। लोग प्रकृति के अनुसार मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं। ये प्रर्यावरण के लिए बहुत अच्छा है।
मन की बात में पीएम बोले, आस्था के नाम पर कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं
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