अलीगढ़ / संयुक्त मोर्चा टीम
कश्मीर के पुलवामा में हुए सीआरपीएफ के काफिले पर हमले को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष सज्जाद सुभान राथर ने अपनी एजेंसियों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। सज्जाद ने कहा है कि पुुलवामा में हुए जवानों पर हमले में कहीं अपनी एजेंसियों का ही तो हाथ नहीं है।
आतंकी संगठन के समर्थन में ट्वीट करने वाले कश्मीरी छात्र वसीम बिलाल को निर्दोष बताया है। कहा, छात्र की मंशा शहादत पर ट्वीट करना नहीं था, बल्कि वह मोदी सरकार के सुरक्षा दावे पर सवाल उठाया था। सज्जाद ने वसीम हिलाल के निलंबन को वापस लेने की अपील भी की।
शनिवार को छात्रसंघ के पूर्व उपाध्यक्ष सज्जाद सुभान राथर ने पत्रकारों को बताया कि वसीम ने अपने ट्वीटर एकाउंट पर जवानों की शहादत पर कोई कमेंट नहीं किया है, बल्कि उसने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि आप कश्मीर में आतंकवाद खत्म करने की बात कर रहे हैं, लेकिन हो क्या रहा है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इतनी सुरक्षा है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता है, तो फिर इतनी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ कैसे आया? कहा, इसमें कहीं न कहीं अपनी एजेंसियों की चूक है। इस घटना में एजेंसियों के हाथ होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। लोकसभा चुनाव करीब है और ऐसे समय विस्फोट होना कहीं न कहीं कुछ और इशारा करती है।
कश्मीर में हुई घटना से देश में सांप्रदायिक घटना होंगी। कहा, मुझे लग रहा है देश में सांप्रदायिक माहौल पैदा किया जा रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि कहीं सरकार या विपक्षी पार्टियां अपने ही लोगों द्वारा ऐसी घटनाओं को अंजाम दिलवाकर राजनीतिक रोटियां सेंक रही हो, इसकी भी जांच होनी चाहिए। छात्र वसीम का निलंबन वापस हो। कश्मीर मसले पर कोई हल नहीं निकलता है तो दिल्ली में सभी कश्मीरी छात्र आंदोलन करेंगे।