Home अलीगढ़ नुमाइश में झूला टूटकर गिरा, हादसे के बाद मची चीख पुकार, कई जख्मी

नुमाइश में झूला टूटकर गिरा, हादसे के बाद मची चीख पुकार, कई जख्मी

by vdarpan
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अलीगढ़ / संयुक्त मोर्चा टीम

राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी में शुक्रवार की रात एक टावर झूला टूटकर गिर गया, जिससे एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों को मलखान सिंह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दो घायलों की हालत गंभीर होने पर उन्हें जेएन मेडिकल कालेज रेफर कर दिया है। हादसे के बाद प्रशासन ने नुमाइश में झूलों का संचालन रुकवा दिया है। इस हादसे ने झूलों को लेकर किए जाने वाले सुरक्षा इंतजामों पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
नुमाइश की हुल्लड़ बाजार पुलिस चौकी के पास ही टावर वाला झूला लगा हुआ है। यह झूला करीब 60 फीट ऊंचा है। इस झूले में एक पिलर बना हुआ है। इस पिलर के चारों और बोगियां घूमती हुई ऊपर तक जाती हैं और फिर घूमती हुई नीचे तक आती हैं। शुक्रवार की रात करीब 8:30 बजे जब नुमाइश में सब कुछ सामान्य चल रहा था कि तभी अचानक 30 फीट की ऊंचाई से झूले की बोगियां अचानक तेजी के साथ नीचे आ गिरीं। बोगियों को ऊपर नीचे ले जाने वाला तार टूट चुका था।

अचानक झूला टूटकर गिरने से मौके पर चीख पुकार मच गई। आनन फानन घायलों को बोगियों से बाहर निकाला गया और तुरंत ही मलखान सिंह जिला अस्पताल ले जाया गया। यहां पर दो घायलों की स्थिति डाक्टरों को गंभीर लगी तो उन्हें जेएन मेडिकल कालेज रेफर किया गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद एसएसपी आकाश कुलहरि सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। नुमाइश प्रशासन ने हालात को देखते हुए सभी झूलों का संचालन परीक्षण निरीक्षण और फिटनेस टेस्ट होने तक रुकवा दिया है।

ये हैं हादसे में घायल
कमल कुमार शर्मा पुत्र तेजपाल निवासी लाल डिग्गी, अर्जुन सिंह निवासी शीशिया पाड़ा, आसिफ शोएब पुत्र अलीजान निवासी शाहजमाल तेली पाड़ा, शक्ति पुत्र विनोद कुमार सिंधौली धनीपुर, इजाम पुत्र अफरोज कोतवाली, आमिर घायल हैं। जबकि शोएब और कासिफ को मेडिकल कालेज रेफर किया गया है।

आठ लोग हैं मूक बघिर, चीख भी न निकल सकी

नुमाइश में टावर वाले झूले पर हुए हादसे में आठ लोग ऐसे हैं जो बोल नहीं सकते और सुन नहीं सकते। हादसे के वक्त मौजूद लोगों की मानें तो घटना के समय इनके चेहरों पर डर था और यह हाथ पैर फेंक रहे थे लेकिन चीख भी नहीं पा रहे थे। पहले तो ऐसा लगा कि हादसे की वजह से उनकी आवाज ही नहीं निकली होगी। लेकिन मलखान सिंह जिला अस्पताल लाने पर पता चला कि यह बोल नहीं सकते और सुन नहीं सकते। यह लोग एक ही समूह बना कर रहते हैं। शुक्रवार को यह लोग जुमे की छुट्टी होने पर एक साथ नुमाइश देखने आए थे। जिला अस्पताल में हादसे का असर इनके चेहरे और आंखों में भी देखा जा सकता था।

एक ही समूह के हैं सभी झूले
नुमाइश में लगे सभी झूले एक ही समूह के हैं। यह समूह नुमाइश में बहुत पहले से काम करता आ रहा है। इसी के चलते इस समूह का नुमाइश पर दबदबा भी है। यही कारण है कि जब भी कोई सैलानी इनसे टिकट या झूले के बढ़े हुए पैसों को लेकर कभी कुछ कहता तो यह समूह में होकर उस पर दबाव बना लिया करते हैं।

35 साल पहले भी हुआ था हादसा
नुमाइश में तकरीबन 35 साल पहले भी एक झूला चरख वाला टूटकर गिरा था। हालांकि उसमें कोई हताहत नहीं हुआ था लेकिन कई लोगों के गंभीर चोटें आई थीं। इस हादसे के कई वर्षों तक झूलों की फिटनेस के लिए सख्त मानक रखे गए। लेकिन समय बीतने के साथ उसमें शिथिलता बरतनी शुरू कर दी गई। इसी का परिणाम यह ताजा हादसा है।

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