संयुक्त मोर्चा टीम। अलीगढ़
एएमयू के हादी हसन हाल में दो अलग-अलग समुदायों के मेडिकल छात्रों के बीच फ्रेशर पार्टी को लेकर हुए झगड़े को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया गया। इस प्रकरण में तहरीर दी गई, जिसमें एएमयू परिसर में मंदिर बनवाने और तिरंगा यात्रा का समर्थन करने पर एक समुदाय के छात्रों को विश्वविद्यालय से बाहर करा देने का आरोप दूसरे पक्ष पर लगाया गया। इसके कुछ घंटों बाद पीड़ित पक्ष की ओर से कहा गया कि उसने इस प्रकार की कोई तहरीर ही नहीं दी। शुक्रवार शाम को दोनों पक्षों में समझौता भी हो गया। पूरे प्रकरण को विकृत कर शांति व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करने वाले छात्रनेताओं पर पर कार्रवाई करने की बात एसएसपी ने कही है।
एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि गुरुवार की रात हादी हसन हाल में दो छात्र गुटों में फ्रेशर पार्टी का नाम रखने को लेकर विवाद हुआ। जिसके बाद मारपीट होने की भी बात कही जा रही है। इस बात की चैटिंग सोशल मीडिया पर भी हुई, जिसकी फुटेज उनके पास है। उन्होंने बताया कि एक छात्र ने उन्हें बताया कि देर रात करीब 2.30 बजे एक कथित छात्र नेता ने पीड़ित छात्र को रेलवे स्टेशन बुलाया और मामले में सहानुभूति दिखाते हुए कागज पर हस्ताक्षर करवा लिए। जिसके बाद उस कागज में एएमयू में मंदिर बनवाने और तिरंगा यात्रा का समर्थन करने पर कैंपस से बाहर निकाल दिए जाने के धमकी देने की बात जोड़ दी गई।
इसके बाद पीड़ित छात्र को थाना सिविल लाइन बुलवाया। यहां पर छात्र ने कहा कि उसने इस तरह की बात लिखकर कोई भी तहरीर नहीं दी है। इस दौरान एएमयू के छात्र नेता अजय सिंह भी अपने समर्थकों सहित थाने पहुंच गए और और आरोप लगाया कि पुलिस दबाव बना कर तहरीर बदलवा रही है। सिविल लाइन थाने में भी काफी देर तक गहमागहमी रही। अपने कार्यालय पर एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि एक कथित छात्र नेता ने दो छात्रों के सामान्य विवाद को दूसरा ही रंग देने का प्रयास किया। ऐसे लोगों के साथ सख्ती से पेश आया जाएगा। उन्होंने पीड़ित छात्र के परिजनों को भी बुलाया और दोनों पक्षों में बातचीत कराई। शाम तक दोनों पक्षों में समझौता हो गया।
आखिरी सांस तक तिरंगा लहराऊंगा : अजय सिंह
एएमयू कैंपस में तिरंगा यात्रा निकाल कर चर्चा में आए छात्र नेता अजय सिंह ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाये हैं। अजय ने कहा है कि अगर तिरंगा लहराना जुर्म है तो जब तक आखिरी सांस रहेगी ये जुर्म करते रहेंगे।
दोनों पक्षों में समझौता हुआ: प्रो. किदवई
एएमयू के जनसंपर्क कार्यालय के एमआईसी प्रो. शाफे किदवई ने बताया कि फ्रेशर पार्टी के नाम को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था। एक पक्ष के अभिभावक भी आ गए थे। प्राक्टर और प्रोवोस्ट की मौजूदगी में दोनों पक्षों में समझौता हो गया है। अब किसी तरह का कोई विवाद नहीं है।