संयुक्त मोर्चा टीम। अलीगढ़
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के सोशल साइंस फैकल्टी के डीन प्रो. अकबर हुसैन का कॉलर पकड़कर जान से मारने की धमकी दी गई। यह आरोप एएमयू के ही एक छात्र नेता एवं एक पूर्व छात्र पर लगा है। डीन द्वारा छात्र पर अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए प्रॉक्टर आफिस के माध्यम से थाना सिविल लाइन में तहरीर दी गई है। शिकायत के बाद प्रॉक्टर ने छात्र नेता इमरान गाजी को निलंबित कर कैंपस प्रवेश पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही इस मामले की जांच कराई जा रही है। छात्र नेता इमरान गाजी ने डीन के आरोप को बेबुनियाद बताया है।
डीन प्रो. अकबर हुसैन का कहना है कि शनिवार को वह मनोविज्ञान विभाग स्थित अपने चैंबर में बैठे थे। करीब 12:30 बजे एलएएमएम छात्र इमरान गाजी एवं पूर्व छात्र सलमान चैंबर में आए और पीएचडी दाखिले से संबंधित बहस की। वह बरेली की अपनी भतीजी के दाखिले के लिए इच्छुक थे। जब दाखिला से संबंधित प्रक्रिया से अवगत कराया तो इमरान ने गाली गलौज कर दी और कहा कि दाखिला हर हालत में करना है। वाइस चांसलर या प्रॉक्टर मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। अध्यापक एवं छात्रों के रोकने के बावजूद इमरान गाजी ने कॉलर पकड़कर जान से मारने की धमकी दी।
उन्होंने थाना सिविल लाइन थानाध्यक्ष से स्वयं सहित विभाग के कर्मचारियों की सुरक्षा की गुहार लगाई है। डिप्टी प्रॉक्टर ने बताया कि शिकायत के बाद इमरान गाजी को निलंबित कर जांच बैठा दी गई है। इमरान गाजी एएमयू छात्र संघ के सचिव पद के लिए चुनाव लड़ चुके हैं और कैंपस के चर्चित छात्र नेता हैं। इमरान गाजी ने डीन से कहासुनी की बात स्वीकार की, लेकिन कॉलर पकड़कर जान से मारने की धमकी देने के आरोप को बेबुनियाद बताया। उनका कहना है कि एक छात्र द्वारा वायवा में पक्षपात की शिकायत के संबंध में बातचीत करने गया था। अपने को बचाने के लिए शिक्षकों ने उनके खिलाफ तहरीर दे दी। उन्होंने कहा कि वह भी डीन के खिलाफ थाने में तहरीर देने जा रहे हैं।
आध्यात्मिक मनोविज्ञान के विख्यात शिक्षक हैं प्रो. अकबर
मनोविज्ञान के प्रोफेसर अकबर हुसैन आध्यात्मिक मनोविज्ञान के विख्यात प्रोफेसर हैं। यूजीसी द्वारा जारी वरीयता सूची में वह देश में तीसरे नंबर पर हैं। उनके साथ अभद्र व्यवहार से एएमयू के शिक्षकों में रोष है। डीन एवं चेयरमैन भी काफी क्षुब्ध हैं। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए वीसी प्रो. तारिक मंसूर ने प्रो. अकबर हुसैन से फोन पर बात कर पूरे मामले से अवगत हुए। उल्लेखनीय है कि पिछले एक साल में कई शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार या धमकी आदि से संबंधित शिकायतें सामने आ चुकी है।