अलीगढ़ / संयुक्त मोर्चा टीम
फिल्म ‘मुल्क’ के निर्देशक अनुभव सिन्हा ने कहा कि देश में संकट है तो अयोध्या में राम मंदिर बना देना चाहिए। हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्मों के लोग वहां दर्शन करने या देखने जाएंगे। हालांकि उन्होंने इलाहाबाद का नाम बदले जाने पर असहमति जताई। वे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस नंबर 2 में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
फिल्म लेखक-निर्देशक अनुभव ने कहा कि अयोध्या में मंदिर कैसे बनना है, यह मैं नहीं जानता। यह सरकार का काम है। वह संसद में अध्यादेश ला सकती है। अपने समीप बैठे पुराने दोस्त सैयद हुसैन वहदी, हैदर अली खान आदि की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम सब भाई लोग मंदिर बनने के बाद दर्शन करने जाएंगे।
मेरा जन्म अयोध्या के पास हुआ है लेकिन कभी गया नहीं। मैं चाहता हूं कि जल्दी से जल्दी मंदिर बने और मैं दर्शन करने जाऊं। जैसी परिकल्पना हो रही है, उस हिसाब से बहुत खूबसूरत मंदिर बनेगा। भक्त लोग दर्शन करने एवं बाकी लोग पर्यटन की दृष्टि से उसे देखने जाएंगे।
इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयाग करने के सवाल पर अनुभव सिन्हा ने कहा कि एक नया शहर प्रयाग बना देते तो ज्यादा अच्छा होता, क्योंकि देश में 100 शहर बनाने हैं, जिसमें 99 ही बनाने होते। सरकार के नाम बदलने के फैसले के सवाल पर अनुभव सिन्हा ने कहा कि सरकार के फैसले ठीक ही होते हैं। जनता की चुनी हुई सरकार होती हैं। उन्होंने कहा कि नाम में कुछ नहीं रखा है।
जब वह मुंबई गए तो उसका नाम बंबई था और आज भी वह बंबई ही कहते हैं। सिर्फ पता लिखने वक्त मुंबई लिखते हैं। मद्रास का नाम चेन्नई हो गया लेकिन लोग आज भी मद्रास ही कहते हैं। फिल्म मुल्क के बारे में पूछे जाने पर कहा कि बहुत अच्छा रिस्पांस आ रहा है।
पिछले छह महीने में जितना प्यार मुझे मिला, उतना पूरे जीवन में नहीं मिला था। शुरू में लोगों ने नफरत जरूर की लेकिन बाद में अपार प्यार मिलने लगा। उन्होंने फिर यह बात स्वीकार की कि एएमयू में नहीं आता तो फिल्म मुल्क नहीं बना पाता। उनका अपना कैरेक्टर बनारस एवं अलीगढ़ से बना है। फिल्म में अलीगढ़ की बहुत सारी चीजें हैं।
अतरौली के नौशाद और मुस्तकीम काउंटर पर उन्होंने अनभिज्ञता जताई। जब उन्हें बताया गया कि कुछ लोग आपका नाम लेकर बता रहे थे कि आप नौशाद एवं मुस्तकीम के परिजनों से मिलने आने वाले हैं तो उन्होंने हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि फरवरी-मार्च में नई फिल्म पर काम शुरू कर रहा हूं। उस फिल्म के केंद्र में हिंदुस्तान है। हालांकि उन्होंने फिल्म का नाम नहीं बताया। इस अवसर पर मुशीर अहमद खान, नरेंद्र अग्रवाल, आबिद हुसैन एवं उमर सलीम पीरजादा आदि मौजूद थे।
आईएएस टॉप कर दें लांछन लगाने वालोें को जवाब
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय स्थित ऐतिहासिक यूनियन हॉल में छात्र संघ द्वारा पुष्प वर्षा एवं गुलपोशी कर फिल्म निर्देशक एवं एएमयू के पूर्व छात्र अनुभव सिन्हा का जोरदार स्वागत किया गया।
एएमयू से बीटेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) कर फिल्म निर्देशन बने अनुभव सिन्हा ने जिन्ना प्रकरण के दौरान छात्रों के संयम एवं धैर्य बनाए रखने की खूब तारीफ की और कहा कि भविष्य में आपके ऊपर टार्गेट किया जाएगा। लेकिन आप इसका जवाब 2019 में आईएएस टॉपर बनकर दें। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान मैं रोज दुआ करता था कि छात्रों से कोई गलती न हो।
आप लोगों ने धैर्य एवं संयम से जंग जीत ली। ऐसी चीजें आगे भी होगी लेकिन आप उसका जवाब एकेडमिक एक्सीलेंसी से दें। उन्होंने कहा कि मंदिर का मामला अगर हिंदू और मुसलमानों के बीच की आखिरी लड़ाई है तो इसे खत्म कर देना चाहिए ताकि सभी शांति से रहें। उन्होंने कहा कि मंदिर के नाम पर राजनीति ठीक नहीं हैं। इससे आपस की खाई बढ़ रही है।
छात्रों से कहा कि आज अच्छाई आलसी हो गई है। बुराई की आंखों में आंखें डालकर देखना और उसका मुकाबला करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बुराई और अच्छाई का संतुलन बनाकर रखना है। आप अपनी अच्छाई का नुमाया करें और जमाने को दिखाएं। अनुभव सिन्हा का स्वागत छात्र संघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज एवं धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष हमजा सूफियान ने किया। संचालन सचिव हुजैफा आमिर ने किया।
इससे पूर्व एएमयू ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन में अनुभव सिन्हा का भव्य स्वागत डॉ. आजममीर के नेतृत्व में किया गया। इस अवसर पर खुर्शीद अहमद खान, डॉ. शाहिद, प्रो. आरिफ रिजवी, माजिन जैदी, लियाकत अली, अदनान आमिर, जानिब हसन, सलमान साबिर, सैयद हुसैन वहीद, फैसल शेरवानी, शाहनवाज खान, जावेद, मुसाहिब आदि मौजूद थे। ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन परिसर में अनुभव सिन्हा ने पौधारोपण भी किया।