अलीगढ़ / संयुक्त मोर्चा टीम
आगरा एवं अलीगढ़ रीजन की बसों में नकली टिकट का भंडाफोड़ होने के बाद सबसे पहले अधिकारियों पर गाज गिरी। अब करीब तीन माह बाद रीजन के करीब छह बुकिंग लिपिकों का ट्रांसफर हुआ है। इसके साथ ग्रुप की बसों को संचालित कराने वाले अन्य निगम के कर्मचारियों में अफरातफरी मची हुई है। इस घोटाले के खुलासे और कार्रवाई के बाद और लोगों के िखलाफ कार्रवाई के संबंध में अमर उजाला ने खबर प्रकाशित की थी।
विदित हो कि एसटीएफ ने इगलास में रोडवेज बसों में नकली टिकट गैंग का भंडाफोड़ किया था। इस मामले में एसटीएफ ने मेघ सिंह व देवेंद्र समेत 11 लोगों को मौके से गिरफ्तार किया तथा तीन आरोपियों को बाद में गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे किया। कार्यवाही के बाद परिवहन निगम के एमडी पी गुरू प्रसाद ने बड़ा कदम उठाते हुए आगरा, अलीगढ़ के आरएम, मथुरा एआरएम, बुद्ध विहार व हाथरस के एआरएम समेत 51 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की।
सभी को निलंबित किया गया साथ ही अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिए। इसी कड़ी में परिवहन निगम के प्रधान प्रबंधक (कार्मिक) अतुल भारती ने अलीगढ़ में तैनात बुकिंग लिपिक धर्मपाल सिंह को चित्रकूट, नेम सिंह को लखनऊ , नगेंद्र को झांसी, बनी सिंह को फैजाबाद, लालता प्रसाद शर्मा को हाथरस से इलाहाबाद तथा महेश चंद का लखनऊ स्थानांतरण किया है। बुकिंग लिपिकों के खिलाफ कार्रवाई के बाद अब टाइमकीपर समेत अन्य निगम के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना भी जताई जा रही है। इसको लेकर निगम के कर्मचारियों एवं अधिकारियों में अफरातफरी मची हुई है।
नकली टिकट गैंग की जांच में कार्रवाई के लिए इन कर्मचारियों के नाम प्रस्तावित थे। इसी के तहत कार्रवाई की गई है। भविष्य में और भी कार्रवाई होंगी।
– जेडए नोमानी, क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज