Home अलीगढ़ पुलिस के खिलाफ सत्ताधारियों का ये कैसा संघर्ष

पुलिस के खिलाफ सत्ताधारियों का ये कैसा संघर्ष

by vdarpan
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अलीगढ़ / संयुक्त मोर्चा टीम
साढ़े तीन घंटे तक अचलताल चौराहे पर जो कुछ हुआ, उसने पूरे शहर में अफवाहों का बाजार तो गरम कर ही दिया। वहीं सत्ताधारियों को धरने पर बैठना पड़ा। मगर नतीजा उम्मीद के अनुसार नहीं निकला। सत्ताधारियों को ये कैसा संघर्ष था। कई दौर की वार्ता और डीएम के आने के बाद सत्ताधारी आश्वासन पर मान ही गए। इसके लिए अंदरखाने समन्वय का अभाव बड़ी वजह माना जा रहा है।
यह पहला मौका नहीं, जब इस शहर में सत्ताधारी अपनी सरकार की प्रशासनिक मशीनरी के खिलाफ इस तरह खड़े हुए हैं। इससे पहले बन्नादेवी, गांधीपार्क और सासनी गेट में इस तरह के गतिरोध हुए हैं। इस बार टकराव सीओ द्वितीय से था। शुरुआत में एकत्रित हुए नेता अपने कार्यकर्ताओं को अपने साथ कम से कम पांच-पांच कार्यकर्ताओं को लेकर आने का बुलावा फोन पर दे रहे थे। जब तीन तीन विधायक व महानगर अध्यक्ष सहित तमाम पार्टी के दिग्गज नेता वहां पहुंचे तो लगा कि अब शायद फैसला उनके हक में ही जाएगा। मगर साढ़े तीन घंटे तक जमकर हंगामा, नारेबाजी, धरना, बात न मानने और सीओ व इंस्पेक्टर को तत्काल हटाने की जिद पर अड़े कार्यकर्ता आश्वासन पर ही सिमट गए। यह कैसी मजबूरी थी, अंदरखाने समन्वय का अभाव मजबूरी बताया जा रहा है। अब वजह जो भी हो, मगर बातचीत में खुद पार्टी के दिग्गज नेता निराश दिख रहे थे।

जीटी रोड पर वाहन रोके, शहर में अफवाहें
इस हंगामे के दौरान जहां जीटी रोड पर दोनों ओर से वाहन रोक दिए गए। वहीं शहर में अफवाहों का दौर शुरू हो गया। रात 11 बजे के बाद जीटी रोड पर वाहनों की आवाजाही शुरू की गई। इस दौरान एडीएम सिटी एसबी सिंह, एसपी सिटी अतुल श्रीवास्तव, सीओ प्रथम विशाल पांडेय, सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव, सीओ गभाना संजीव दीक्षित के अलावा गांधीपार्क, बन्नादेवी, सिविल लाइंस, कोतवाली, क्वार्सी आदि थानों का फोर्स मौजूद रहा।

विधायकों ने एक स्वर में रखी कार्यकर्ताओं की बात
इस विषय में विधायक संजीव राजा, अनिल पाराशर व रवेंद्रपाल सिंह ने एक स्वर में कहा है कि वह कार्यकर्ताओं के साथ हैं और रहेंगे। किसी कार्यकर्ता के मान सम्मान को ठेस नहीं पहुंचने दी जाएगी। आज जो कुछ हुआ वह निंदनीय है। पुलिस को ऐसा बर्ताव चेकिंग के दौरान नहीं करना चाहिए था। अब जिलाधिकारी ने 24 घंटे में कार्रवाई की बात कही है। अगर बात नहीं मानी गई तो फिर आगे कार्यकर्ताओं के आदेश का पालन किया जाएगा।

संगठन के दखल पर बनी बात
भाजपाइयों के अपनी सरकार में धरने पर बैठने की सूचना उच्च स्तर पर पहुंच गई। शासन स्तर पर सूचना पहुंची। संगठन व संघ के लोगों के फोन भी स्थानीय लोगों पर आने लगे। बाद में संगठन के उच्च पदाधिकारियों के दखल पर बात बनी। उच्च स्तर से संदेश मिला कि अधिकारियों से बात करने इस विषय में ठोस निर्णय लिया जाएगा। तब धरना खत्म होने के संकेत मिल गए। बाद में डीएम ने बीच में आकर समझाकर व कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया।

जाम में घिरी गाड़ी में ही बैठे रहे सीओ
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सबसे खास बात यह रही कि पूरे घटनाक्रम के दौरान सीओ द्वितीय, एएसपी नीरज जादौन भाजपाइयों व परिषद कार्यकर्ताओं के जाम व धरने से घिरी खुद की सरकारी गाड़ी में ही बैठे रहे। एक मर्तबा जरूर वह गाड़ी से निकले और उनकी भाजपाइयों से नोकझोंक हो गई। इसके बाद वह गाड़ी में बैठ गए और अपनी गाड़ी के शीशे भी चढ़ा रखे थे। ड्राइवर ड्राइविंग सीट पर साहब के आदेश के इंतजार में बैठा था। जब तक जाम नहीं खुला और धरना नहीं हटाए उनकी गाड़ी ज्यों की त्यों खड़ी रही और इस दौरान उन्होंने किसी से बात नहीं की। धरना खत्म होने पर उन्होंने ड्राइवर को इशारा किया और वहां से चले गए।

इस मामले में एक सिपाही संजीव बाल्यान को निलंबित किया जा रहा है, बाकी हमराही सिपाहियों को लाइन हाजिर किया जा रहा है। रहा सवाल सीओ और इंस्पेक्टर पर कार्रवाई का तो पहले जांच होगी। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
– अजय कुमार साहनी, एसएसपी

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