बनारस / संयुक्त मोर्चा टीम
बनारस बीते 4 सालों के बाद भी बदहाल हैं. जगह-जगह सड़कें टूटी हैं. सीवर के पानी बाहर बह रहा है. गलियों के अंदर भी सीवर के पानी से लोगों का जीना मुहाल है.
वाराणसी: बाहर का बनारस तो बदल रहा है मोदी जी ने भी रिंग रोड और बाबतपुर से बनारस को जोड़ने वाली सड़कों का पूरे तामझाम के साथ उद्घाटन किया, लेकिन भीतर का बनारस बीते 4 सालों के बाद भी बदहाल हैं. जगह-जगह सड़कें टूटी हैं. सीवर के पानी बाहर बह रहा है. गलियों के अंदर भी सीवर के पानी से लोगों का जीना मुहाल है, सीवर का यही पानी गोदौलिया इलाके में उस वक्त कौतूहल का विषय बन गया जब लबालब भरे सीवर के पानी के सड़क पर समाजवादी पार्टी के पार्षद ने विरोध प्रदर्शन करने लगे.
पार्षद प्लास्टिक के बाथटब पर खुद लेट कर व्यंग्यात्मक लहजे में वाराणसी क्योटो बन गया के पोस्टर के साथ विरोध प्रदर्शन करने लगा. इस काम में उनके एक साथी भी शामिल हुए, जो पोस्टर को लेकर बैठे दिखे.
समाजवादी पार्टी के पूर्व शहर पार्षद रविकांत विश्वकर्मा अपने इस प्रदर्शन पर बताते हैं कि बनारस में इस तरीके से सीवर का पानी बह रहा है. कल देव दीपावली था बाहर से आए पर्यटक इस ईश्वर के पानी से जूझ रहे हैं. हम इसमें स्विमिंग पूल की तरह लेटकर आनंद ले रहे हैं और मोदी जी और योगी जी को धन्यवाद बनारस को क्योटो बनाने के लिए.