अलीगढ़ / संयुक्त मोर्चा टीम
जेएन मेडिकल कॉलेज में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल मंगलवार को भी जारी रही। सातवें वेतनमान की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। हड़ताल की वजह से इमरजेंसी और ट्रॉमा सेंटर में लगातार दूसरे दिन गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। दूर-दराज से पहुंचे मरीजों को तीमारदार लेकर प्राइवेट अस्पतालों में लेकर चले गए।
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के कारण जेएन मेडिकल कॉलेज की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं। मंगलवार को इमरजेंसी एवं ट्रॉमा सेंटर में नए मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। ओपीडी चली, लेकिन वहां आए मरीजों का इमरजेंसी में उपचार किया गया। दोपहर में आरडीए सदस्यों की जनरल बॉडी मीटिंग में हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया गया। आरडीए अध्यक्ष डॉ. अब्दुल्लाह आजमी ने कहा कि यह हड़ताल केंद्र सरकार के खिलाफ है। दो साल पहले सातवां वेतनमान लागू है, लेकिन आज तक रेजीडेंट डॉक्टरों को उसका लाभ नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति बुधवार के जीबीएम में तय की जाएगी।
हड़ताल में करीब 450 जेआर वन, टू एवं थ्री शामिल है। जेएन मेडिकल कॉलेज के हड़ताली डॉक्टरों के नेताओं से एडीएम सिटी एसबी सिंह एवं एसपी सिटी अतुल श्रीवास्तव आदि ने भी बातचीत की। आरडीए पदाधिकारियों को त्योहार के लिए हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया गया, लेकिन जीबीएम में विचार करने का हवाला देकर डॉक्टर निकल गये।
प्रशासन ने बातचीत के लिए बुलाया था। उन्होंने त्योहार की बात कहकर हड़ताल खत्म करने का आग्रह किया। हम लोग जीबीएम में विचार करेंगे। हमारी समस्याओं की तरफ यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया गया। मेडिकल कॉलेज में मरीजों को कोई परेशानी नहीं हो रही है। सीनियर डॉक्टर, इंटर्न सभी अपनी-अपनी ड्यूटी पर हैं।
-डॉ. अब्दुल्लाह आजमी, अध्यक्ष, आरडीए।
हड़ताल करना अनुशासनहीनता है। सातवां वेतनमान यूनिवर्सिटी प्रशासन के हाथ में नहीं है। गरीब मरीजों को सर्वाधिक परेशानी हो रही है।
-प्रो. एससी शर्मा, प्रिंसिपल, जेएन मेडिकल कॉलेज।