राष्ट्रीय / संयुक्त मोर्चा टीम
धनतेरस पर सोने की खरीदारी शुभ मानी जाती है। ज्वैलर्स भी इस मौके पर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए आकर्षक ऑफर्स और छूट देते हैं।
धनतेरस पर सोने की खरीदारी शुभ मानी जाती है। ज्वैलर्स भी इस मौके पर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए आकर्षक ऑफर्स और छूट देते हैं। इस बार भी ज्वैलर्स सोने की खरीदारी पर र्मेंकिंग चार्ज, पॉलिश में छूट, ईएमआई के जरिए भुगतान, डेबिट-क्रेडिट कार्ड पर विशेष ऑफर सहित महंगे उपहार दे रहे हैं। पिछले 15 दिनों में कीमतों में 600 रुपये की तेजी आई है, आगे और तेजी आ सकती है। पेश है हिन्दुस्तान टीम की रिपोर्ट…
ज्वैलरी पर मिल रही है बड़ी छूट
धनतेरस में सोने की बिक्री साल भर में सबसे ज्यादा होती है। इस अवसर को भुनाने के लिए छोटे से बड़े ज्वैलर्स आकर्षक छूट दे रहे हैं। तनिष्क, पीसी ज्वैलर्स और कल्याण ज्वेलर्स जैसे बड़े नाम र्मेंकिंग चार्ज पर 25 से 75 फीसदी तक छूट ऑफर कर रहे हैं। वहीं पीसी ज्वैलर्स कुछ सलेक्टिव गोल्ड ज्वैलरी पर 30 फीसदी तक छूट दे रहा है। कई ज्वैलर्स ऑनलाइन या डेबिट-क्रेडिट कार्ड से खरीद पर छूट दे रहे हैं। चांदनी चौक, लाजपत नगर के अधिकांश ज्वैलर्स एक तय रकम की खरीदारी पर गिफ्ट दे रहे हैं।
ज्वैलरी या सिक्के खरीदें
सोने के सिक्के पर आप यह चार्ज देने से बच जाते हैं। ज्वैलरी 22 कैरेट गोल्ड होता है जबकि सोने के सिक्के 24 कैरेट गोल्ड होते हैं। अब सवाल आपके मन में हो सकता है कि सोने के सिक्के कहां से खरीदना बेहतर होगा। अगर सिक्के खरीद में बचत चाहते हैं तो जौहरी से लें क्योंकि बैंकों के मुकाबले जौहरी के चार्ज कम लेते हैं। बैंक सिर्फ सिक्के बेचते हैं, उसे लेते नहीं है। लेकिन शुद्धता और विश्वसनीयता के लिहाज से बैंक, सरकारी कंपनी एमएमटीसी या बड़े ज्वैलर्स से इनकी खरीद करना ही बेहतर है।
सॉवरेन गोल्ड बांड भी शुरू
अगर, आप सोना भौतिक रूप में नहीं खरीदना चाहते हैं तो सॉवरेन गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। सरकार सॉवरेन स्वर्ण बांड योजना के अगले चरण की शुरुआत पांच नवंबर से कर रही है। इस दिन धनतेरस भी और सोना-चांदी खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, यह योजना 5 से 9 नवंबर तक के लिए खुलेगी। इसके लिए 3,183 रुपये प्रति दस ग्राम की दर तय की गई है। ऑनलाइन और डिजिटल माध्यम के जरिए भुगतान करने वालों को मूल्य पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी। उनके लिए स्वर्ण बांड का निर्गम मूल्य 3,133 रुपये प्रति दस ग्राम होगा। सरकार ने नवंबर 2015 में सॉवरेन स्वर्ण बांड योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत कम से एक ग्राम सोने के लिए बांड खरीदा जा सकता है। अधिकतम सीमा प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष 500 ग्राम तक की है। इसमें निवेश करने वालों को सालाना 2.5 प्रतिशत की दर से ब्याज भी मिलता है।
गोल्ड ईटीएफ भी बेहतर स्कीम
सोने में निवेश करने वालों के लिए म्यूचुअल फंड की गोल्ड ईटीएफ उम्दा स्कीम है। इसमें निवेशकों का पैसा सिर्फ सोने में ही निवेश किया जाता है। यह स्कीम लंबे वक्त तक सोने में निवेश करने वाले और तरलता के लिहाज से यह बेहतर विकल्प है। इसमें आपके पास सोना भौतिक के बजाय इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होता है। आप जब चाहें तो निवेश की वैल्यू के बराबर सोना बेचकर मौजूदा भाव पर मुनाफा कमा सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट एक ग्राम गोल्ड के बराबर होती है और इस स्कीम के तहत आपको कम-से-कम 1 यूनिट गोल्ड ईटीएफ खरीदना होता है।
2 लाख से अधिक पर पैन देना होगा
अगर आप 2 लाख रुपए या इससे अधिक कीमत के सोने की खरीदारी करते हैं तो आपको पैन की जानकारी देनी होगी। वहीं अगर आप अपनी घोषित आय से सोना खरीद रहे हैं तो इसके लिए कोई सीमा नहीं है। आप अपनी कितना भी सोना खरीद सकते हैं। घोषित आय का मतलब उस इनकम से है जो आपने रिटर्न में बताया है। अगर आपने आयकर रिटर्न में बताए सीमा से कहीं अधिक का सोना खरीदा ओर आयकर विभाग को लगा कि यह आपके आय से मेल नहीं खाता है तो वह सोना जब्त भी कर सकता है।
कौन-सा निवेश बेहतर
कम कीमत: गोल्ड ईटीएफ या ई-गोल्ड खरीदने में सिर्फ ब्रोकरेज चार्ज करीब 0.5 फीसदी होता है। इसके अलावा ईटीएफ में हर साल फंड मैनेजमेंट चार्ज देना होता है। दूसरी ओर भौतिक सोने में 10 से 20 फीसदी या इससे भी ज्यादा र्मेंकग चार्ज देना पड़ता है।
पारदर्शी कीमत : ईटीएफ और ई-गोल्ड के रेट वैश्विक बाजार की कीमतों से जुड़े होते हैं, जबकि भौतिक सोने की कीमतों में स्थानीय वजहों से भी फर्क आ जाता है। मुमकिन है कि आप से ज्यादा कीमत वसूल किया जाएगा। साथ ही, जब आप सोने को बेचने जाएंगे तो उसका कट ज्यादा हो सकता है।
100 फीसदी शुद्धता: गोल्ड ईटीएफ और ई-गोल्ड में शुद्धता 100 फीसदी होती है और ये सर्टिफाइड भी होते हैं। लेकिन ज्वैलरी के मामले में आपको जौहरी पर ही भरोसा करना पड़ता है।
खरीदारी में सहूलियत: गोल्ड-ईटीएफ और ई-गोल्ड में आप ब्रोकर को सिर्फ एक कॉल या ऑनलाइन क्लिक करके निवेश कर सकते हैं, जबकि ज्वैलरी लेने आपको दुकान पर जाना होगा।
कैपिटल गेन टैक्स: भौतिक सोने र ई-गोल्ड में 3 साल से ज्यादा र्होंल्डग पर लंबी अवधि का कैपिटल गेन टैक्स लगता है। वहीं गोल्ड ईटीएफ के मामले में यह लिमिट 1 साल की है।