दिल्ली / संयुक्त मोर्चा टीम
दिल्ली में हवा के रुख में बदलाव के कारण वायु गुणवत्ता लगातार दूसरे दिन भी खराब बनी रही। अधिकारियों ने शनिवार को कहा कि हवा अब पराली जलाए जाने वाले इलाकों से बह रही है। शनिवार की सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 245 दर्ज किया गया जो खराब श्रेणी में है।
गाजियाबाद और गुरुग्राम में हालत बदतर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, गाजियाबाद और गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता क्रमश: 302 और 336 दर्ज की गई जो ‘बेहद खराब श्रेणी में है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक कल 259 दर्ज किया गया था।
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित निकाय पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पहले यह पूर्वानुमान था कि एक धूल भरा तूफान राष्ट्रीय राजधानी की तरफ आएगा जिससे हवा की गुणवत्ता और खराब होगी, लेकिन फिलहाल किसी बड़े तूफान के कोई संकेत नहीं हैं। अधिकारी स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं।
हवा की दिशा में बदलाव है वजह
सीपीसीबी के एक अधिकारी ने कहा कि हवा की गुणवत्ता में यह गिरावट हवा की दिशा में बदलाव की वजह से है, जो अब हरियाणा और पंजाब की तरफ से बह रही है जहां पराली जलाई जा रही है।
प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा
केंद्र द्वारा संचालित सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि यह मानसून के जाने का वक्त है और अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। बड़े पैमाने पर ऐसी प्रक्रिया हवा की गति को शांत करती है जो इस मौसम के लिए सामान्य है। उन्होंने कहा कि इस प्रवृत्ति से प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा। स्थानीय परिवहन का प्रभाव अब तक बेहद मामूली है।