संयुक्त मोर्चा टीम। पंजाब। हरियाणा।
अदालत के फैसले के बाद बलात्कारी बाबा के समर्थक बेकाबू हो गए हैं। भड़के समर्थकों ने पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में आगजनी और तोड़फोड़ की। पंचकूला में उपद्रवियों ने मलोट रेलवे स्टेशन और एक पेट्रोल पंप को आग के हवाले कर दिया गया है। जबकि मीडिया की तीन ओबी वैन को भी फूंक दिया गया। इसके अलावा आयकर कार्यालय पर भी आगजनी की गई। हिंसा में करीब 25 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा 200 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। इस पूरी घटना के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तरप्रदेश की सरकार बेबस नजर आई।
-कई जगहों पर लगा कफ्र्यू
हिंसा को देखते हुए पंजाब के बठिंडा, मनसा और मुक्तसर में कफ्र्यू लगाया गया है। कोर्ट के बाहर डेरा समर्थकों व पुलिस में झड़प हो गयी जिस पर नियंत्रण के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। हरियाणा के कई शहरों की बिजली काट दी गयी। सिरसा में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। कई जिलों में तमाम स्कूलों व कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। एहतियात के तौर पर दिल्ली की सीमा पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं यूपी के शामली, मुजफ्फरनगर और बागपत में धारा 144 लगाई गई है।
-संपत्ति होगी जब्त
उधर हिंसा से नाराज पंजाब और हरियाणा कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए डेरा की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि कहा कि जरूरत पड़ने पर डेरे की संपत्ति अटैच कर नुकसान की भरपाई की जा सकती है। क्योंकि डेरे ने वादा किया था कि नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
-स्थिति नियंत्रण में का दावा
हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने दावा किया है कि अब स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि राम रहीम के समर्थकों को तितर-बितर कर दिया गया है। वहीं प्रदेश के एडीजीपी(लॉ एण्ड ऑर्डर) मोहम्मद अकील ने कहा कि बाबा के एक हजार समर्थकों को हिरासत में लिया गया है।
-क्या है मामला
डेरा प्रमुख के खिलाफ सीबीआई ने 2002 में यौन शोषण का मामला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर दर्ज किया था। इससे पहले दो महिला अनुयायियों के कथित यौन शोषण के बारे में पर्चे बांटे गए थे। सिंह पर हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा परिसर के भीतर दुष्कर्म का आरोप है।
गुमनाम पत्र के माध्यम से एक साध्वी ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम पर यौन शोषण सहित कई अन्य संगीन आरोप लगाए थे। यह पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखा गया था। साथ ही इसकी प्रति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को भेजी गई थी। पत्र में आरोप लगाए गए थे कि पीड़िता पंजाब की रहने वाली है और सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में 5 साल से एक साध्वी के रूप में रह रही है। आरोप लगाया गया कि साध्वियों का शोषण किया जा रहा है। अपनी आपबीती भी बताई गई थी, जिसमें डेरामुखी गुरमीत राम रहीम पर यौन शोषण के आरोप लगे थे। घटना 1999 की है और पत्र 2001 में लिखा गया। प्राथमिकी 2002 में दर्ज की गई। तब उच्च न्यायालय ने पत्र का संज्ञान लेते हुए सितंबर 2002 को मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे।