Home राष्ट्रीय गहलोत सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया

गहलोत सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया

by vdarpan
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जयपुर 14 अगस्त राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने आज विधानसभा में ध्वनीमत से विश्वासमत हासिल कर लिया।

संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विश्वास मत प्रस्ताव रखा था जिस पर अध्यक्ष डा सी पी जोशी ने दोनों पक्षो से तीन घंटे से अधिक समय तक बहस करवाई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बहस में उठाये गये मुददों का भाारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के केन्द्रिय नेतृत्व पर निशाना साधते हुय कहा कि केन्द्रिय नेताओं ने सरकार गिराने की ठान ली है, मैंने भी यह ठाना है कि अपनी सरकार किसी भी कीमत पर नहीं गिरने दूंगा।

उन्होंने कहा कि देश में जिस रूप में अरूणाचल प्रदेश. भाजपा ने कांग्रेस के 45 में से 40 विधायक चुरा लिये, मध्यप्रदेश , कर्नाटक, गोवा, मणिपुर में हमारे विधायकों को खरीद फरोख्त हुआ। इस तरह संविधान की ध्ज्जिया उडाई जा रही हैं। उन्होंने कहा किऐसा ही षडयंत्र यहां भी किया गया उसमें भाजपा सफल नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि इस षडयंत्र में भाजपा के स्थानीय नेताओं को नजरअंदाज कर केन्द्रिय मंत्री सरकार को अस्थिर करने का षडयंत्र रचते रहे। उन्होंने कहा कि एक आॅडियों में केन्द्रिय मंत्री की भूमिका भी सामने आई है।

श्री गहलोत ने कहा कि इस प्रदेश में ऐसा पहले कभी नहीं हआ था। उन्होंने कहा कि भैंरोसिंह शेखावत सरकार के समय भी सरकार गिराने का प्रयास हुआ था तब में मैं प्रदेश अध्यक्ष था। उन्होंने कहा कि मैंने तत्कालीन राज्यपाल बलीराम भगत से मिलकर यह स्पष्ट कह दिया था कि वह इस तरह की कार्यवाही के पक्ष में नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि जब उन्हें इससे पहले विधानसभा में 156 सीटोें का बहुमत मिला था और भाजपा को केवल 32 सीटें मिली थी तो हमें अहंकार नहीं आया। उन्होंने कहा कि मैंने शपथ लेते ही तत्कालीन विपक्ष के नेता भैंरोसिंह शेखावत से उनके निवास पर मिलने गया तथा उन्हें आश्वस्त किया कि उन्हें किसी प्रकार की तकलीफ नहीं होगी।

श्री गहलोत ने कहा कि राज्य में कोरोना महामारी के दौरान कोई राजनीति नहीं हुई और पक्ष विपक्ष ने मिलकर यह लडाई लडी है जिसकी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी तारफी की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोरोना मामले में सांसद, विधायक, जिला कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वाथ्य अधिकारियों, चिकित्सक, धर्मगुरूओं, जिला प्रतिनिधियों एवं ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों से 21-21 घंटे तक वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा कर सभी का सहयोग लिया हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी पर सभी के सहयोग का ही परिणाम है कि राजस्थान में मृत्यु दर देश में सबसे कम है तथा रिकवर दर भी शानदार हैं।

विश्वास मत पर बहस करते हुये प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने सरकार को अस्थिर करने के प्रयास को गलत बताते हुये कहा कि सब कुछ कांग्रेस के बीच में ही असंतोष था तथा टकराव नहीं होता हम बीच में आते ही नहीं। उन्होंने कहा कि हमारे सिर्फ 75 विधायक हैं इसके पीछे हम सरकार पलटने की सोच भी नहीं सकते थे।

संसयदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बीच में टोकने पर उनकी अध्यक्ष डा सी पी जोशी से तकरार भी हो गयी तथा बाद में अध्यक्ष ने संसदीय कार्यमंत्री को अपने व्यवहार मर्यादित रहने के निर्देश भी दिऐ।

तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने भी भाजपा पर सरकार को गिराने का षडयंत्र करने का आरोप लगाया। विपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड ने भी सरकार गिराने के आरोप को गलत बताते हुए कहा कि यह सारा मामला कांग्रेस का अंदरूनी मामला था लेकिन भाजपा पर आरोप लगाया गया हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीन पूनियां ने कहा कि विधायकों पर राजद्रोह का मामला दर्ज कराया गया तथा उसे वापस भी ले लिया गया। जिस विधायक के खिलाफ मामला दर्ज कराया उसके साथ अपराधी की तरह जांच कराते रहे।

भाजपा की किरण माहेश्वरी ने कहा कि कांग्रेस की बाडाबंदी से साबित हो गया है कि विधायको के प्रति कितना अवश्विास है। उन्होंने आरोप लगाया राज्य में कोरोना संकट के समय कुछ भी नही किया गया जबकि केन्द्र सरकार ने कोरोना वायरियस का 50 लाख रूपये का बीमा कराया गया।

इससे पहले श्री धारीवाल ने विश्वासमत प्रस्ताव रखते हुए आरोप लगाया कि भाजपा के कई नेता मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने फसल का समर्थन मूल्य नहीं बढाया लेकिन खरीद फरोख्त में दाम इसलिए बढा दिये कि किसी के बच्चे बिगडने की नौबत भी आ गयी।

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