नयी दिल्ली 26 जनवरी (वार्ता) राजधानी दिल्ली में आज 69वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर पहली बार सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) के महिला मोटर साइकिल सवार दस्ते ने अद्भुत करतब दिखाये जिसे देखकर दर्शकों ने दांतों तले उंगलियां दबा लीं।
बीएसएफ की महिला कर्मियों की मोटर साइकिल सवार टीम ‘सीमा भवानी’ की 26 मोटर साइकिलों पर सवार 106 जांबाज़ महिलाओं ने ऐसे गजब के करतब दिखाए जिसने वहां मौजूद लोगों को सांसें थामने पर विवश कर दिया।
बीएसएफ के इस महिला मोटर साइकिल सवार दस्ते का नेतृत्व सब इंस्पेक्टर स्टैंजीन नोरयांग ने किया। सबसे पहले ‘सीमा भवानी’ का नेतृत्व कर रहीं सब इंस्पेक्टर स्टैंजीन नोरयांग ने संतुलन, बहादुरी और हैरतअंगेज कला का प्रदर्शन करते हुए मोटर साइकिल पर आत्मविश्वास के साथ खड़े होकर माननीय राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को सलामी दी।
इसके बाद महिला मोटर साइकिल सवार दस्ते ने फिश राईडिंग और साईड राईडिंग जैसे करतब दिखाए। फौलाद भरा है सीने में, है हथेलियों पर जान, नारी कोमल हृदयी है, पर है शक्ति की पहचान के नारे के साथ ‘सीमा भवानी’ टीम ने महिलाओं की अद्भुत शक्ति का प्रदर्शन किया और वहां उपस्थित जनसमूह को संदेश दिया कि वे पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं हैं।
बीएसएफ की सीमा भवानी टीम ने इसके बाद प्रचंड बालाएं शक्तिमान, फोर हार्मोनी, मोबाइल पी टी, बुल फाईटिंग, पीकॉक, सप्त ऋषि, ब्रह्म योग गुलदस्ता, विन्ड मिल फॉरमेशन, सीमा प्रहरी, भारत के मुस्तैद प्रहरी और सरहद के निगेहबान नामक करतब दिखाए। अंत में ‘फ्लैग मार्च पिरामिड’ नामक प्रस्तुति के तहत सात मोटर साईकिलों पर 29 सीमा भवानी वीरांगनाओं ने एक साथ पर्वत श्रृंखला के समान भारत माता की जय उद्घोष के साथ यह करतब दिखाया।
गौरतलब है कि बीएसएफ की मोटर साइकिल सवार टीम ‘सीमा भवानी’ मोटर ट्रांस्पोर्ट सेंटर स्कूल की स्थापना बीएसएफ अकादमी टेकनपुर में 20 अक्टूबर 2016 को हुई थी। ये महिला दस्ता मातृभूमि की रक्षा करने के साथ-साथ ऐसे साहसिक कारनामें भी प्रस्तुत करते हैं।