संयुक्त मोर्चा टीम। तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर देशभर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।जहा उलेमाओं ने कोर्ट के इस फैसले को शरियत में दखलअंदाजी बताया है वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम महिलाएं कोर्ट के इस फैसले से खुश हैं। दिल्ली की जामिया नगर की हिना पवार का कहना है कि वो कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करती हैं, ये जेंडर जस्टिस को बढ़ावा देता है।
दिल्ली के डीयू कॉलेज की स्टूडेंट आरफा अनीस का कहना है कि कोर्ट का फैसला मुस्लिम महिलाओं के आंदोलन की जीत है| हालांकि मैरिटल रेप पर सुप्रीम कोर्ट का जो हालिया फैसला आया है, साथ में केरल में एक महिला के शादी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से एनआईए की जांच का आदेश महिला विरोधी है। एमए.बीएड कर रही छात्रा केसर परवीन का कहना है कि मैं मुस्लिम महिला होने के नाते तीन तालाक को जायज नहीं मानती, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध तो नहीं करती पर मैं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ हूं।
अलीगढ़ में तैनात विपडन अधिकारी सबा साजिद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश मुस्लिम महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस निर्णय से निश्चित मुस्लिम महिलाओं की दशा में सुधार होगा।
बचपन प्ले स्कूल की प्रिंसिपल पारुल जिंदल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मुस्लिम महिलाओं की दिशा और दशा बदलने में सहायक साबित होगा। ये फैसला पूरे समाज की बेहतरी के लिए है।
तीन तलाक के फैसले पर बेबाक बोली देश भर की आधी आबादी
168
previous post