नई दिल्ली: बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने शुक्रवार को यहां एल के आडवाणी से उनके आवास पर मुलाकात की. इससे एक दिन पहले आडवाणी ने कहा था कि उनकी पार्टी ने खुद से राजनीतिक रूप से असहमति जताने वाले को कभी ‘राष्ट्र विरोधी’ नहीं माना है.
आडवाणी की यह टिप्पणी इसलिए अहम मानी जा रही है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने बालाकोट हवाई हमलों के बाद विपक्षी दलों को राष्ट्र विरोधी बताया था.
सूत्रों ने बताया कि जोशी, आडवाणी के आवास पर पहुंचे और उनके साथ विचार विमर्श किया. दोनों नेताओं ने बैठक में हुई बातचीत पर कोई टिप्पणी नहीं की. दोनों नेताओं की मुलाकात पार्टी के स्थापना दिवस (6 अप्रैल) से एक दिन हुई है. आडवाणी और जोशी उन वरिष्ठ बीजेपी नेताओं में शामिल हैं जिन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया गया है.
आडवाणी बीजेपी के संस्थापकों में से एक हैं और वह सबसे लंबे समय तक पार्टी के अध्यक्ष रहे. वह साल 1991 के बाद से छह बार गांधीनगर संसदीय सीट से जीते. पार्टी के संस्थापकों में शामिल जोशी भी बीजेपी के तीसरे अध्यक्ष रहे हैं.
उन्हें कानपुर से टिकट नहीं दिया गया जिसके बाद उन्होंने एक बयान जारी कर बताया था कि बीजेपी के महासचिव (संगठन) राम लाल ने उन्हें सूचित किया है कि पार्टी नेतृत्व ने फैसला किया है कि उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए.
गुरुवार को आडवाणी ने लिखा ब्लॉग
बता दें लोकसभा चुनाव के पहले चरण से पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने गुरुवार को अपनी चुप्पी तोड़ी. आडवाणी ने लंबे समय बाद अपने ब्लॉग में एक पोस्ट डाली. अपने ब्लॉग में उन्होंने विविधता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारतीय लोकतंत्र का सार बताया है और कहा है कि बीजेपी ने कभी भी राजनीतिक रूप से असहमत होने वाले को कभी ‘राष्ट्र विरोधी’ नहीं माना है. बता दें 11 अप्रैल को लोकसभा के पहले चरण के वोट डालने जाने हैं.
अपने ब्लॉग में आडवाणी ने पहली बार गांधीनगर लोकसभा सीट को लेकर सार्वजनिक टिप्पणी की है. उन्होंने 1991 से छह बार लोकसभा में निर्वाचित करने के लिए गांधीनगर के मतदाताओं के प्रति आभार जताया है. बता दें आडवाणी को इस बार लोकसभा चुनाव में पार्टी ने टिकट नहीं दिया गया है. उनकी पारंपरिक सीट रही गांधीनगर सीट से इस बार बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह चुनाव लड़ रहे हैं .
देश पहले,फिर पार्टी
आडवाणी का यह ब्लॉग पार्टी के स्थापना दिवस (6 अप्रैल) से दो दिन पहले आया है. यह ब्लॉग नेशन फर्स्ट, पार्टी नेक्स्ट, सेल्फ लास्ट (राष्ट्र पहले, फिर पार्टी, स्वयं अंत में)’ शीर्षक से लिखा गया है. अपने ब्लाग में आडवाणी ने कहा है, ‘भारतीय लोकतंत्र का सार विविधता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए सम्मान है. अपनी स्थापना के समय से ही बीजेपी ने राजनीतिक रूप से असहमत होने वालों को कभी ‘दुश्मन’ नहीं माना बल्कि प्रतिद्वन्द्वी ही माना. ’