राष्ट्रीय / संयुक्त मोर्चा टीम
डीआरडीओ ने मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. यह मिसाइल सीमा पर दुश्मन के छक्के छुड़ा देगी.
पड़ोस में पाकिस्तान जैसे देश का सामना कर रहा भारत अब अपनी ताकत बढ़ाने में जुट गया है. भारत ने एक मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपी-एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया है. इस टैंक का इस्तेमाल बॉर्डर पर तैनात सेना के जवान भी कर सकते हैं. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने देर रात को राजस्थान के मरूस्थल वाले इलाके में इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया.
एमपी-एटीजी मिसाइल की रेंज 2-3 किलोमीटर तक है. जोकि 3 किलोमीटर के दायरे में आने वाले दुश्मनों के निशाने को भेदने में काफी मारक साबित होगी. इसकी खासियत ये है कि इसे किसी भी स्थान पर फिट कर दागा जा सकता है. यानी इसके लिए किसी निश्चित जगह की जरूरत नहीं है, बल्कि जरूरत के हिसाब से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. आसानी से ले जा सकने वाले इस मिसाइल से दुश्मन सेना के टैंक को भी ध्वस्त किया जा सकता है.
परीक्षण में इस मिसाइल ने दक्षता के साथ अपने लक्ष्य को भेदा दिया. मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपी-एटीजीएम) जैसे हथियार होने से दुर्गम जगहों पर भी दुश्मनों के टैंक और अन्य ठिकानों को उड़ाने में सेना को काफी मदद मिलेगी. साथ ही इसे इस मिसाइल को कंधे पर रखकर भी चलाया जा सकता है.
बता दें कि इससे पहले भी डीआरडीओ एमपी-एटीजीएम का सफल परीक्षण कर चुकी है. 12 मार्च को भी डीआरडीओ ने राजस्थान के पोखरण रेंज से तीसरी बार मल्टी बैरल रॉकेट प्रणाली पिनाक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. भारतीय सेना दुनिया की सबसे बड़ी और प्रमुख सेनाओं में से एक है. संख्या की दृष्टि से भारतीय थलसेना के जवानों की संख्या दुनिया में चीन के बाद सबसे अधिक है.