यूपी / संयुक्त मोर्चा टीम
हनुमान जी को लेकर आ रहे विवादित राजनीतिक बयानों के बीच तहसील प्रशासन के समक्ष सोमवार को उस समय अजीब-ओ-गरीब स्थिति पैदा हो गई, जब सवर्ण पिछड़ा वर्ग एकता मंच ने बाकायदा निर्धारित फार्म भरकर हनुमान जी की जाति का प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की। आवेदन में पुराणों के आधार पर माता का नाम अंजनी, पिता का नाम केसरी और जाति क्षत्रिय लिखी गई है। अब तहसील प्रशासन को फैसला लेना है कि जाति प्रमाण जारी होगा या नहीं। यदि जारी होगा तो किस जाति को होगा।
सवर्ण पिछड़ा समान अधिकार मंच के निशांत चौहान के नेतृत्व में एसडीएम के नाम उनकी अनुपस्थिति में तहसीलदार प्रवीण कुमार के नाम दिए गए आवेदन में उल्लेख किया गया है कि महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास कृत रामायण के अनुसार हुनमान जी की माता का नाम अंजनी और पिता का नाम केसरी था। उनकी जाति क्षत्रिय बताई गई थी। माता जानकी के वरदान के अनुसार वे अमर हो गए थे, इसलिए वह आज भी जीवित हैं।
राजनीतिक दल अपना उल्लू सीधा करने के लिए उन्हें क्षत्रिय, दलित, जाट और मुसलमान बता रहे हैं। इससे स्वयं बजरंगबली परेशान हो गए होंगे, इसलिए यह आवश्यक है कि कलियुग में जाति का निर्धारण तहसील प्रशासन द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर होता है। हनुमान जी के भक्तों के समक्ष संकट हो गया है कि आखिर उनकी आस्था के भगवान की आखिर जाति क्या है। आवेदन में उल्लेख किया गया है कि हनुमान जी की जाति को लेकर राजनीति करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
आवेदन करने वालों में प्रमुख थे दिलीप सिंह, धर्मेंद्र सिसौदिया, मोनू पुंढीर, विवेक सिसौदिया, विनीत ठाकुर, लव ठाकुर, बलवीर सिंह प्रधान, अनिल पुंढीर, ओमवीर सिंह चौहान, वीरेश पुंढीर, जितेंद्र सिसौदिया, पवन ठाकुर, रवि सिसौदिया, विजय प्रताप सिंह, गोविंद पुंढीर, प्रवीण यादव, विमल पुंढीर, संतोष बघेल, मिथुन चौहान, मुनेश प्रजापति, प्रमोद शर्मा, पुष्पेंद्र पुंढीर आदि थे।