अमृतसर / संयुक्त मोर्चा टीम
पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को कहा कि अमृतसर में हुई रेल दुर्घटना एक हादसा है लेकिन इसमें कही न कहीं लापरवाही भी नजर आ रही है और राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह घटना तेज गति से आई ट्रेन के चलते यह घटना मिनटों के अंदर हुई। ट्रेन ने हॉर्न नहीं दिया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री ने सिविल तथा अन्य निजी अस्पतालों में दाखिल घायलों का हाल जानने के बाद कहा कि घटना इतनी अचानक हुई कि किसी को कुछ भी पता नहीं चला। उन्होंने बताया कि वह चार पांच अस्पतालों में घायलों से मिल कर आए हैं जिन्होंने बताया कि कुछ लोग रेल पटरी पर खड़े थे तथा कुछ पास ही खड़े थे। घायलों ने बताया कि रावण दहन के दौरान जल रहे पुतले से बचने के लिए लोग दो कदम ही पीछे हटे थे कि तेजी से आ रही रेलगाड़ी ने उन्हें कुचल दिया। रेल की रफ्तार इतनी तेज थी कि कुछ ही सेकेंड में ही इतना बड़ा हादसा हो गया।
सिद्धू ने कहा कि लोग त्योहार मनाने के लिए आए थे लेकिन इस हादसे ने कई लोगों के परिवार खत्म कर दिए तथा कईयों ने अपने परिजनों को खो दिया है। उन्होंने कहा कि इसमें किसी की कोई साजिश नहीं है। उन्होने बताया कि मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह लगभग सुबह दस बजे तक अमृतसर पहुंच रहे हैं जिनके साथ पूरी स्थिति पर बात होगी। घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
अमृतसर रेल हादसे में हुई ये पांच बड़ी चूक, 61 की मौत, 72 घायल
सिद्धू ने रात में ही घटना स्थल पर पहुंचने के लिए रेल मंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि उन्हें घटना की सूचना बंगलौर में मिली थी जिसके पश्चात उन्होंने अपनी पत्नी डॉ़ नवजोत कौर सिद्धू से सम्पर्क किया जो घटना के तुरंत पश्चात अस्पताल में पहुंच गई थी। सिद्धू पर घटना स्थल से चले जाने के आरोपों पर उन्होने कहा कि लोग कुछ भी कहते हैं लेकिन यह सच नहीं है। उन्होंने कहा कि डॉ सिद्धू ने अस्पताल में पहुंच कर खुद घायलों का इलाज किया है और पीड़तिों की राहत के लिए पूरे प्रयास किए जाएंगे।
टल सकता था अमृतसर रेल हादसा, अगर नहीं हुई होती ये लापरवाही
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को विजयदशमी के अवसर पर अमृतसर के जोड़ा फाटक पर रावन दहन देखते हुए 60 लोगों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई थी। मरने वालों में अधिकर प्रवासी मजदूर शामिल हैं।