संयुक्त मोर्चा टीम।नयी दिल्ली, 23 अप्रैल उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को अपने अंतरिम आदेश में गुजरात सरकार को 2002 के गुजरात दंगे के दौरान सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई बिलकिस याकूब रसूल (जिन्हें बिलकिस बानो के नाम से भी जाना जाता है) को 50 लाख रुपये सहायता राशि देने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली शीर्ष न्यायालय की एक पीठ ने बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये सहायता राशि देने काे कहा है।
उच्चतम न्यायालय ने बिलकिस बानो को सरकारी नौकरी और आवास की सुविधा देने का भी आदेश दिया है। न्यायालय का कहना है कि बिलकिस बानो 2002 की घटना के बाद से खानाबदोश के समान जिंदगी जी रही हैं।
शीर्ष न्यायालय की पीठ ने कहा हम याचिकाकर्ता बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये की सहायता देने का आदेश देते हैं।
गुजरात सरकार ने शीर्ष न्यायालय को सूचित किया कि बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश करने वाले दोषी अधिकारियों में से अधिकतर के पेंशन लाभों को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है और एक आईपीएस अधिकारी को दो रैंकों से पीछे कर दिया गया है।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने पांच लाख रुपये की सहयाता देने का आदेश दिया था लेकिन बिलकिस बानो ने इसे लेने से इनकार कर दिया था और मुआवजा राशि को बढ़ाने की मांग करते हुये याचिका दायर की थी।
बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये की सहायता देने के निर्देश
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