राष्ट्रीय / संयुक्त मोर्चा टीम
Ayodhya case live updates सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से कहा कि अगर संभव हो सके तो मामले को मध्यस्थता से ही सुलझाया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि ये सिर्फ जमीन का मसला नहीं है, बल्कि भावनाओं से जुड़ा हुआ मामला है. मस्जिद पक्ष मध्यस्थता की बात मानने के लिए तैयार है, हालांकि हिंदू महासभा ने इसका विरोध किया है.
Highlights
रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा बातचीत से सुलझाएं मसला
हिंदू महासभा ने किया बातचीत से मसला सुलझाने का विरोध
CJI ने कहा- जल्द सुनाएंगे फैसलाचीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सभी पक्षकारों से कहा है कि वह इस मामले में जल्द से जल्द फैसला सुनाना चाहते हैं. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों से आज ही मध्यस्थों के नाम सुझाने के लिए कहा है.
हिंदू महासभा के वकील ने कहा कि ये जमीन भगवान राम की है, इसलिए यहां सिर्फ मंदिर ही बने. कोर्ट में निर्मोही अखाड़ा और मस्जिद पक्ष ने मध्यस्थता का मसला है.
फैसला सुरक्षितकरीब डेढ़ घंटे की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. हालांकि, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि वह जल्द ही इस पर अपना फैसला देंगे. फिलहाल उन्होंने सभी पक्षों से मध्यस्थता के लिए कुछ मध्यस्थों के लिए नाम मांगे हैं.
मंदिर पक्ष ने कहा- मस्जिद कहीं और बनेरामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि अयोध्या रामजन्मभूमि है, इसलिए ये राम जन्मस्थली को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए. इसमें सिर्फ यही हो सकता है कि मस्जिद कहीं और बनें, हम इसके लिए क्राउडफंडिंग कर दें. उन्होंने कहा कि मध्यस्थता का कोई सवाल ही नहीं है.
कोर्ट तय करे कैसे हो मध्यस्थता: मस्जिद पक्षमस्जिद पक्ष की ओर से राजीव धवन ने कहा है कि हम मध्यस्थता या किसी भी तरह के समझौते के लिए तैयार हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी अपील की है कि कोर्ट ही तय करे कि मध्यस्थता किस तरह होगी.
मस्जिद पक्ष ने क्या कहामस्जिद पक्ष की ओर से राजीव धवन ने कहा कि इस मसले में भावनाएं भी मिली हुई हैं, मध्यस्थता में इस बात का तय होना भी जरूरी है कि कहां पर क्या बनेगा. सुनवाई के दौरान कई मुस्लिम पक्षों ने मध्यस्थता के लिए हामी भरी है.
सिर्फ जमीन का नहीं है मामलाजस्टिस बोबडे ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर मध्यस्थता पर कुछ तय होता है तो मामले को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये मामला किसी पार्टी का नहीं बल्कि दो समुदाय के बीच का विवाद का है, इसलिए मामले को सिर्फ जमीन से नहीं जोड़ा जा सकता है.
भावनाओं से जुड़ा है मामला, बातचीत से निकलना चाहिए हलरामजन्मभूमि-बाबरी मस्ज़िद विवाद को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हो रही है. सुनवाई की शुरुआत में हिंदू महासभा ने सुप्रीम कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखा. पढ़ें पूरी खबर… जस्टिस बोबडे बोले- भावनाओं से जुड़ा है मामला, बातचीत से निकलना चाहिए हल
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाईसुप्रीम कोर्ट में बुधवार को रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से कहा कि अगर संभव हो सके तो मामले को मध्यस्थता से ही सुलझाया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि ये सिर्फ जमीन का मसला नहीं है, बल्कि भावनाओं से जुड़ा हुआ मामला है.