राष्ट्रीय / संयुक्त मोर्चा टीम
अरुणाचल प्रदेश में छह समुदायों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने के बाद रविवार को हिंसा भड़क उठी. इसके बाद सोमवार को भी यहां माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. हालात बिगड़ते देख सीएम हाउस और सरकारी बिल्डिंग्स पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है.
नाहरलागुन हाईवे पर तो सैकड़ों की तादाद में प्रदर्शनकारी अब भी जमा हैं और गाड़ियों को रोका जा रहा है. हालात बिगड़ते देख इंटरनेट सुविधा रोक दी गई है. कहा जा रहा है कि अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी इस्तीफ़ा दे सकते हैं और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन भी लग सकता है.
उधर, दो लोगों के मारे जाने के बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर कर सीआरपीएफ और आईटीबीपी के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. उनका कहना है कि सुरक्षाबल ने हमारे लोगों को मार डाला. हम नहीं चाहते कि अरुणाचल प्रदेश दूसरा कश्मीर बने. इसलिए सीआरपीएफ और आईटीबीपी यहां से चली जाए.
मालूम हो कि अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में रविवार को लोग छह समुदायों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र नहीं दिए जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. लोगों का मार्च सीएम आवास की ओर बढ़ रहा था कि तभी भीड़ हिंसक हो उठी.
भीड़ पर नियंत्रण रखने के लिए पुलिस की ओर से की गई फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई. इससे भीड़ और हिंसक हो उठी. कई जगह आगजनी और पथराव हुआ. कई दुकान और शॉपिंग मॉल को भी लूट लिए जाने की ख़बरें हैं.
फिलहाल ईटानगर में कर्फ्यू लगा दिया गया है. गृह मंत्रालय ने आईटीबीपी की 10 अतिरिक्त कंपनियां भेजने का फैसला किया है. यहां पहले से ही आईटीबीपी की छह कंपनियां तैनात हैं.