भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से निर्मित देश के 40वें संचार उपग्रह जीसैट-31 का बुधवार सुबह फ्रेंच गुयाना के कोरू अंतरिक्ष केन्द्र से सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
जीसैट-31 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो के अध्यक्ष डॉ. के. सिवान ने कहा,जीसैट-31 भारतीय भू क्षेत्र और द्वीपों में संचार सेवायें प्रदान करेगा।
श्री सिवान ने कहा, जीसैट डीटीएच टेलीविजन सेवायें, एटीएम, शेयर बाजार, डिजिटल उपग्रह के जरिए समाचार संकलन और ई-गवर्नेंस एप्लिकेशन के लिए वीसैट कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा, उपग्रह का इस्तेमाल उभरती हुई दूरसंचार एप्लिकेशन के लिए भारी भरकम डाटा ट्रांसफर के लिए किया जाएगा।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार तड़के दो बजकर 31 मिनट पर एरियन-5 वीए-247 रॉकेट ने संचार उपग्रह जीसैट-31 के साथ अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी। प्रक्षेपण के करीब 42 मिनट बाद जीसैट-31 को सफलतापूर्वक उसकी भू-स्थैतिक कक्षा में स्थापित कर दिया।
जीसैट भारत का नवीनतम संचार उपग्रह है। जीसैट का वजन 2,535 किलोग्राम है और यह कम से कम 15 वर्षों तक केयू-बैंड में संचार सेवायें देगा। जीसैट-31 भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की महत्वाकांक्षी परियोजना है जो उपमहाद्वीप में डिजिटल खाई पाटने में मदद करेगा।
इसरो के मुताबिक जीसैट-31 अरब सागर, बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर के विशाल समुद्री क्षेत्र के ऊपर संचार सुविधा मजबूत करेगा। जीसैट-31 भू-स्थैतिक कक्षा में केयू बैंड ट्रांसपोंडर की क्षमता को भी मजबूत करेगा।
इसरो से निर्मित देश के 40वें संचार उपग्रह जीसैट-31 का सफल प्रक्षेपण
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