राष्ट्रीय / संयुक्त मोर्चा टीम
लोकसभा चुनाव से पहले देश का अंतरिम बजट पेश हो चुका है. इस बजट में मोदी सरकार ने किसानों और मध्यम वर्ग के लोगों को कई बड़े तोहफे दिए हैं. दो हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों को कृषि कार्य के लिए 6,000 रुपये सालाना वित्तीय मदद दी जाएगी तो वहीं 5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले नौकरीपेशा लोगों को टैक्स नहीं देना होगा.
दरअसल, 5 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को टैक्स स्लैब से बाहर कर दिया गया है. अब तक सिर्फ 2.5 लाख तक की सालाना कमाई वाले लोग टैक्स स्लैब से बाहर थे. वहीं 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की सालाना कमाई करने वाले लोग 5 फीसदी के टैक्स स्लैब में आते थे. ऐसा नहीं है कि सरकार की यह राहत सिर्फ 5 लाख रुपये तक की सालान कमाई वाले लोगों को ही मिलेगी. अगर आपकी सालाना कमाई 7 लाख रुपये है तब भी आपको टैक्स नहीं देना होगा. लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें भी हैं. आज हम आपको उन्हीं शर्तों के बारे में बताने जा रहे हैं.
क्या हैं शर्तें
जिन लोगों की सालाना आय 6.50 लाख रुपये तक है और उन्होंने जीवन बीमा, पांच साल की सावधि जमा तथा अन्य कर बचत वाली योजनाओं में निवेश किया है तो उन्हें भी अपनी पूरी आय पर छूट मिल सकती है.
इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को भी 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की गई है. स्टैंडर्ड डिडक्शन वो एक एकमुश्त रकम है जिसे सैलरी से हुई आपकी कुल कमाई में से घटा दिया जाता है और उसके बाद टैक्सेबल इनकम की कैलकुलेशन की जाती है.
उदाहरण से समझें
मसलन, आपकी सालाना कमाई 7 लाख रुपये है तो आप इस रकम में से 50,000 रुपये तक (7 लाख -50 हजार = 6,50,000 ) कम कर लें. यानि आपकी 6,50,000 रुपये की सालान इनकम है.
अंतरिम बजट के ऐलान के बाद 5 लाख तक की कमाई टैक्स फ्री है और वहीं 1.50 लाख तक के एलआईसी या म्युचुअल फंड जैसे निवेश पर छूट मिलती है. यहां बता दें कि आपको कितना स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा, ये इस पर निर्भर करेगा कि आप टैक्स स्लैब के किस दायरे में आते हैं.
इस कैल्कुलेशन से समझें
सालाना इनकम – 7 लाख रुपये
स्टैंडर्ड डिडक्शन – 50,000 रुपये
स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद इनकम – 6,50,000 रुपये (7 लाख -50 हजार)
टैक्स छूट – 5 लाख रुपये तक
6,50,000-5,00,000 = 1 लाख 50 हजार रुपये
यानि आपकी टैक्सेबल इनकम 1 लाख 50 हजार रुपये है.यहां बता दें कि अगर आपने जीवन बीमा, पांच साल की सावधि जमा तथा अन्य कर बचत वाली योजनाओं में निवेश किया है तो आपकी इस रकम पर भी टैक्स नहीं लगेगा.
यहां बता दें कि बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. मौजूदा स्लैब के मुताबिक पांच से दस लाख रुपये पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लागू होगा.