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प्रयागराज में धर्मसंसद: राम मंदिर मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ आया आलोचना प्रस्ताव

by vdarpan
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राष्ट्रीय / संयुक्त मोर्चा टीम

प्रयागराज में जारी अर्धकुंभ में सोमवार से तीन दिनों तक चलने वाली धर्म संसद शुरू हो गई. इस धर्म संसद में शामिल होने के लिए सभी राजनीतिक दलों को न्योता दिया गया है. पहले दिन धर्म संसद में राम मंदिर के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ आलोचना प्रस्ताव लाया गया.

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, गौरक्षा, गंगा सफाई समेत तमाम मुद्दों को लेकर द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा बुलाई गई तीन दिवसीय धर्म संसद सोमवार से शुरू हो गई. धर्म संसद के पहले दिन केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ राम मंदिर निर्माण के लिए उचित कदम न उठाने के लिए आलोचना प्रस्ताव लाया गया. तीन दिनों तक चलने वाली इस धर्म संसद में राम मंदिर का मुद्दा प्रमुख होगा, जिस पर 30 जनवरी को पूरे दिन चर्चा चलेगी.

सोमवार को सुबह 11 बजे शुरू हुई इस धर्म संसद में साध्वी पूर्णांबा ने मोदी सरकार के खिलाफ आलोचना प्रस्ताव पेश किया, जिसे संसद ने सर्वसम्मति से पास किया. साध्वी पूर्णांबा के प्रस्ताव के मुताबिक पिछले वर्ष वाराणसी में हुई परम धर्म में मोदी सरकार को राम मंदिर निर्माण के उचित कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन सरकार द्वारा इश संबंध में कोई कार्यवाही न किए जाने के चलते आलोचना प्रस्ताव लाया गया.

तीन दिनों तक चलने वाली इस धर्म संसद में सभी राजनीतिक दलों को शामिल होने का न्योता दिया गया है. धर्म संसद में राम मंदिर का मुद्दा प्रमुख होगा. और 30 जनवरी को राम मंदिर मसले पर पूरे दिन चर्चा चलेगी. इस धर्म संसद के माध्यम से मोदी सरकार से राम मंदिर निर्माण के लिए संसद के जरिए कानून बनाने की बात शामिल है. फिलहाल इस धर्म संसद के पहले दिन शामिल होने के लिए बीजेपी सांसद गोपाल नारायण सिंह और समाजवादी पार्टी के नेता रेवती रमण सिंह पहुंचे.

बीजेपी सांसद गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि राम मंदिर मसले को लेकर सरकार की संवैधानिक दायरे के बाहर नहीं जा सकती. उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण में देरी को लेकर हिंदू समाज जिम्मेदार है. हमें लोकसभा में बहुमत है लेकिन राज्यसभा में हमारा बहुमत नहीं है. वहीं सपा नेता रेवती रमण सिंह ने राम मंदिर के मसले पर चर्चा में शामिल होने से इनकार करते हुए कहा वि वे गंगा सफाई के मुद्दे पर बोलने आए हैं.

धर्म संसद में अध्यक्षता कर रहे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ‘आजतक’ से बातचीत में कहा कि धर्म संसद के लिए सभी दलों को न्योता दिया गया है ताकि राम मंदिर निर्माण को लेकर उनकी राय जनता के सामने आए. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कहा कि धर्म संसद के जरिए यह प्रस्ताव तय किया जाएगा कि जब तक राम मंदिर निर्माण की शुरुआत की तारीख नहीं पता चलती तब तक साधु संन्यासी इस धर्म संसद से नहीं हटेंगे.

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के नेतृत्व में चलने वाली यह धर्म संसद 30 जनवरी तक चलेगी. जिसके बाद 31 जनवरी से प्रयागराज में विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद शुरू होगी. प्रयागराज में अर्धकुंभ के लिए आए साधु संन्यासी पहले ही मोदी सरकार से नाराजगी जता चुके हैं और अब ऐसे में राम मंदिर निर्माण को लेकर साधुओं का सब्र भी टूट रहा है. ऐसे में राम मंदिर के मुद्दे पर दो-दो धर्म संसद से प्रयागराज में कुंभ का माहौल गरमाने के आसार हैं.

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