राष्ट्रीय / संयुक्त मोर्चा टीम
प्रधानमंत्री आज आकाशवाणी से 52वीं बार मन की बात करेंगे। माना जा रहा है कि अपने इस एपिसोड में वह बोर्ड परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों से परीक्षा संबंधी चीजों पर बात करेंगे। कुंभ के शुरू होने के बाद अपने इस पहले संबोधन में वह प्रयागराज में उमड़े जनसैलाब और उसके महत्व पर बात कर सकते हैं। इसके अलावा पीएम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भी बात कर सकते हैं। इस साल पूरा देश बापू की 150वीं जयंती मना रहा है और इसकी एक झलक कल राजपथ पर भी देखने को मिली थी। ज्यादातर झांकियों में महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी घटनाओं को प्रदर्शित किया गया था।
पीएम मोदी ने अपनी मन की बात की शुरुआत कर्नाटक में तुमकुर जिले के श्री सिद्धगंगा मठ के डॉक्टर श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामी जी के देहावसान पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए किया। उन्होंने कहा कि स्वामी जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज-सेवा में समर्पित कर दिया था और अपने 111 वर्षों के जीवन काल में उन्होंने हज़ारों लोगों के सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक उत्थान के लिए कार्य किया। स्वामी जी के जीवन में यह प्राथमिकता रहती थी कि लोगों को भोजन, आश्रय, शिक्षा और आध्यात्मिक ज्ञान मिले तथा किसानों का हर तरह से कल्याण हो। सिद्धगंगा मठ नियमित रूप से पशु और कृषि मेलों का भी आयोजन करता था। पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अब्दुल कलाम आजाद ने साल 2007 में तुमकुर में श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामी जी के शताब्दी वर्ष उत्सव समारोह के अवसर पर पूज्य स्वामी जी के लिए एक कविता सुनाई थी।
मैं, आज भारत के चुनाव आयोग के बारे में बात करना चाहता हूं जो हमारे देश की बहुत ही महत्वपूर्ण संस्था है, जो हमारे गणतंत्र से भी पुरानी है। 25 जनवरी को चुनाव आयोग का स्थापना दिवस था, जिसे ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। आपने गुजरात के विषय में तो जरुर सुना होगा कि गिर के जंगल में, एक सुदूर क्षेत्र में, एक पोलिंग बूथ, जो सिर्फ केवल 1 मतदाता के लिए है। जब इन बातों को सुनते हैं तो चुनाव आयोग पर गर्व होना बहुत स्वाभाविक है। भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने का निरंतर प्रयास करने के लिए मैं चुनाव आयोग की सराहना करता हूं। मैं राज्यों के चुनाव आयोग, सभी सुरक्षा कर्मियों और अन्य कर्मचारियों की भी सराहना करता हूं जो स्वतन्त्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करते हैं।
गणतंत्र दिवस को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को हमारे देश में संविधान लागू हुआ और उस दिन हमारा देश गणतंत्र बना और कल ही हमने आन-बान-शान के साथ गणतंत्र दिवस भी मनाया। भारत की इस महान धरती ने कई महापुरुषों को जन्म दिया है ऐसे महापुरुषों में से एक थे- नेताजी सुभाष चंद्र बोस। 23 जनवरी को पूरे देश ने एक अलग अंदाज में उनकी जन्म जयंती मनाई। लाल किले में नेताजी के परिवार के सदस्यों ने एक बहुत ही खास टोपी मुझे भेंट की। कभी नेताजी उसी टोपी को पहना करते थे। मैंने संग्रहालय में ही, उस टोपी को रखवा दिया, जिससे वहां आने वाले लोग भी उस टोपी को देखें और उससे देशभक्ति की प्रेरणा लें।
अपनी अंडमान यात्रा को याद करते हुए पीएम ने कहा कि 30 दिसंबर को मैं अंडमान और निकोबार द्वीप गया था। एक कार्यक्रम में ठीक उसी स्थान पर तिरंगा फहराया गया, जहां नेताजी सुभाष बोस ने 75 साल पहले तिरंगा फहराया था। कई वर्षों तक यह मांग रही कि नेता जी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक किया जाए और मुझे इस बात की खुशी है, यह काम वर्तमान सरकार ही कर पाई है। मैंने हमेशा से रेडियो को लोगों के साथ जुड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम माना है उसी तरह नेताजी का भी रेडियो के साथ काफी गहरा नाता था और उन्होंने भी देशवासियों से संवाद करने के लिए रेडियो को चुना था।
नेताजी सुभाष के बारे में पीएम ने कहा कि 1942 में सुभाष बाबू ने आजाद हिंद रेडियो की शुरुआत की थी और रेडियो के माध्यम से वो ‘आजाद हिंद फौज’ के सैनिकों से और देश के लोगों से सवांद किया करते थे। सुभाष बाबू का रेडियो पर बातचीत शुरू करने का एक अलग ही अंदाज था। लाल किले में एक दृश्यकला संग्रहालय भी बनाया गया है। संग्रहालय में 4 ऐतिहासिक प्रदर्शनियां हैं, वहां तीन सदियों पुरानी 450 से अधिक पेंटिंग्स और आर्ट वर्क्स मौजूद हैं। आप वहां जाएं और गुरुदेव रबींद्रनाथ टैगोर जी के कार्यों को अवश्य देखें।
पीएम ने टैगोर को याद करते हुए बताया कि कोगुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर को सभी लेखक और संगीतकार के रूप में जानते हैं। उन्होंने कई विषयों पर पेंटिंग्स भी बनाईं, खास बात ये है कि उन्होंने अपने अधिकांश कार्यों को कोई नाम ही नहीं दिया। उनका मानना था कि उनकी पेंटिंग देखने वाला खुद ही उस पेंटिंग को समझे। इसके बाद उन्हंने संत रविदास का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 19 फरवरी को रविदास जयंती है। संत रविदास जी के दोहे बहुत प्रसिद्ध हैं। गुरु रविदास जी का जन्म वाराणसी में हुआ था। संत रविदास जी ने अपने संदेशों के माध्यम से अपने पूरे जीवनकाल में श्रम और श्रमिक की अहमियत को समझाने का प्रयास किया। संत रविदास कहते थे- ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ अर्थात यदि आपका मन और ह्रदय पवित्र है तो साक्षात् ईश्वर आपके हृदय में निवास करते हैं। समाज को जाति-पाति के आधार पर नहीं बांटना चाहिए।
अंतरिक्ष कार्यक्रम के बारे में पीएम ने कहा कि डॉक्टर विक्रम साराभाई का भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम में देश के असंख्य युवा वैज्ञानिकों का योगदान है। देश आजाद होने से लेकर 2014 तक जितने अंतरिक्ष अभियान हुए हैं, लगभग उतने ही अंतरिक्ष अभियान की शुरुआत बीते चार वर्षों में हुई है। हमने एक ही अंतरिक्ष यान से एक साथ 104 उपग्रह लांच करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है। हम जल्द ही चंद्रयान-2 अभियान के माध्यम से चांद पर भारत की मौजूदगी दर्ज कराने वाले हैं। हमारा देश, स्पेस टेक्नोलॉजी का उपयोग जानमाल की रक्षा में भी बख़ूबी कर रहा है। हमारे मछुआरे भाइयों के बीच नैविक डिवाइसिस बांटे गए हैं, जो उनकी सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक तरक्की में भी सहायक है।
खेलो इंडिया अभियान को लेकर पीएम नवे कहा कि जो खेले वो खिले और इस बार के खेलो इंडिया में ढ़ेर सारे तरुण और युवा खिलाड़ी खिल के सामने आए हैं। पुणे में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में 18 गेम्स में करीब 6,000 खिलाड़ियों ने भाग लिया और हर राज्य के खिलाड़ियों ने अपने-अपने स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है। जब हम इंडिया के निर्माण की बात कर रहे हैं तो वो युवा शक्ति के संकल्प का ही तो न्यू इंडिया है।
पीएम ने देश को एक अनोखी प्रतियोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि क्या आपने टॉयलेट चमकाने के कानटेस्ट के बारे में सुना है? इस अनोखी प्रतियोगिता का नाम है ‘स्वच्छ सुन्दर शौचालय’। आपको कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कामरूप तक की “स्वच्छ सुन्दर शौचालय” की ढ़ेर सारी फोटोज सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल जायेंगी। 2 अक्तूबर, 2014 को हमने अपने देश को स्वच्छ बनाने और खुले में शौच से मुक्त करने के लिए एक साथ मिलकर एक चिर-स्मरणीय यात्रा शुरू की थी। भारत के जन-जन के सहयोग से आज भारत 2 अक्तूबर, 2019 से काफी पहले ही खुले में शौच मुक्त होने की ओर अग्रसर है।
परीक्षा में हिस्सा लेने वाले छात्रों को लेकर पीएम ने कहा कि परीक्षाओं के दिन आने वाले हैं। मैं सभी विद्यार्थियों, उनके माता-पिता और शिक्षकों को शुभकामनाएं देता हूं। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मैं दो दिन बाद ही 29 जनवरी को सवेरे 11 बजे ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में देश भर के विद्यार्थियों के साथ बातचीत करने वाला हूं। इस बार छात्रों के साथ-साथ अभिभावक और शिक्षक भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने वाले हैं। 30 जनवरी पूज्य बापू की पुण्यतिथि है। हम भी जहां हों दो मिनट शहीदों को जरुर श्रद्धांजलि दें। पूज्य बापू का पुण्य स्मरण करें नये भारत का निर्माण और नागरिक के नाते अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने के संकल्प के साथ, आगे बढ़ें।