राष्ट्रीय / संयुक्त मोर्चा टीम
किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर तीन राज्यों में सरकार बनाने वाली कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में भी कृषि संकट को बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनाव से पहले किसानो से जुड़ने के देश व्यापी अभियान की शुरूआत पटना से करने जा रहे हैं.
देश में आगामी लोकसभा चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो गया है. कोलकाता में ममता बनर्जी की अगुवाई में विपक्ष के शक्ति प्रदर्शन के बाद अब कांग्रेस अपनी ताकत दिखाने जा रही है. किसानों के मुद्दे पर हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में जीत कर आई कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी 3 फरवरी को बिहार की राजधानी पटना में बड़ी रैली को संबोधित करने जा रहे हैं. पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में कांग्रेस अध्यक्ष के साथ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा मौजूद रहेंगे.
राहुल कर रहे हैं किसान आभार रैली
इस रैली के जरिए कांग्रेस पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय स्तर पर किसानों से जुड़ने के अभियान की शुरूआत करेगी. गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इससे पहले राजस्थान में किसान आभार रैली संबोधित कर चुके हैं, वहीं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसान आभार रैली की तैयारियां जोरों पर हैं. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विधानसभा चुनावों में घोषणा की थी कि सरकार आने पर 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ करेगी. तीन राज्यों में कांग्रेस को किसानों का समर्थन भी मिला जिस वजह से वहां कांग्रेस की सरकारें बनीं. अब कांग्रेस अध्यक्ष इन राज्यों के किसानों को कांग्रेस का समर्थन करने के लिए आभार व्यक्त करने के लिए किसान आभार रैली कर रहे हैं.
कांग्रेस की राज्य सरकारों द्वारा किसानों की कर्जमाफी को देखते हुए बीजेपी शासित असम और गुजरात ने भी किसानों को राहत देने वाले फैसले किए. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी शासित राज्यों द्वारा उठाए गए कदम का श्रेय लेते हुए कहा था कि जब तक देश भर के किसानों का कर्जा माफ नहीं होता, वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चैन से सोने नहीं देंगे.
कृषि संकट पर कांग्रेस देश भर में करेगी प्रदर्शन
पटना में होने वाली रैली का आयोजन करने वाले किसान कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा है कि राहुल गांधी इस रैली के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर किसानों से जुड़ने के अभियान की शुरुआत करेंगे. बता दें कि किसान कांग्रेस 25 जनवरी से 30 जनवरी तक कृषि संकट पर देश भर में प्रदर्शन करने का प्लान भी बनाया है. पटोले ने कहा कि देश भर के किसान पीड़ित हैं. हम अपने प्रदर्शन की शुरूआत चंपारन से करेंगे और 30 जनवरी को 15000 किसान राजगढ़ में प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी को खून से चिट्ठी लिखने वाला उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी के किसान भी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे.
पीएम को खून से चिट्ठी लिखने वाले किसान होंगे शामिल
बता दें कि खेती की जमीन वापस पाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सैकड़ों किसान आंदोलनरत हैं. इनकी जमीन 2003 में ट्रांसपोर्ट नगर के नाम पर ली गई थी. लेकिन अब तक यह काम शुरू नहीं हो सका. लिहाजा यह किसान अपनी जमीन वापसी की मांग कर रहे हैं. इन आंदोलनरत किसानों ने पिछले वर्ष प्रधानमंत्री को खून से चिट्ठी लिखकर भेजी थी. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर में टाटा स्टील ने भी उद्योग के नाम पर किसानों की जमीन अधिग्रहित की थी. लेकिन इस योजना पर काम शुरू नहीं हुआ. लिहाजा छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने अपने वादे के मुताबिक इन किसानों की जमीन वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
इससे पहले किसान कांग्रेस यह घोषणा कर चुकी है कि सरकार बनने पर प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना को खत्म किया जाएगा. क्योंकि इसका फायदा किसानों के बजाय निजी कंपनियों को मिल रहा है.