राष्ट्रीय / संयुक्त मोर्चा टीम
The Accidental Prime Minister का ट्रेलर आने के बाद इस पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. कांग्रेस ने 2019 का लोकसभा चुनाव होने से पहले इस फिल्म को बीजेपी का प्रोपेगेंडा बताया है.
बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर की फिल्म The Accidental Prime Minister के ट्रेलर पर मचे घमासान पर कांग्रेस ने बीजेपी पर हमलावर रुख अपना लिया है. महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस अध्यक्ष सत्यजीत तांबे ने कहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का यह प्रोपेगेंडा है. बीजेपी आधिकारिक तौर पर सोशल मीडिया पर फिल्म को प्रमोट कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि साफ है कि तीन राज्यों में मिली हार और किसानों के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी यह कर रही है.
बता दें कि फिल्म का ट्रेलर इस समय सोशल मीडिया की गलियों में धूम मचा रहा है. इस फिल्म में अनुपम खेर, देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के किरदार में हैं. ये फिल्म उनके मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की किताब पर आधारित है. लेकिन जब से फिल्म का ट्रेलर आया है तभी ये राजनीतिक बहस का मुद्दा भी बन गई है. भारतीय जनता पार्टी-कांग्रेस फिल्म के ट्रेलर, उसमें दिखाए गए सीन पर आमने सामने हैं.
बीजेपी नेता रूपा गांगुली ने कहा है कि फिल्म और किताब में रोक नहीं लगाना चाहिए. नेहरू जी ने कई किताबों पर रोक लगाई थी. रोक लगाना ठीक नहीं होता है. चाहे फिल्म हो या किताब, यह देश फ्रीडम ऑफ स्पीच के लिए जाना जाता है. फ्रीडम ऑफ स्पीच को कभी रुकना नहीं चाहिए. रूपा गांगुली ने कहा फिल्म फिल्म होती है इसमें कितनी सच्चाई है वह किताब के भरोसे पर लिखा गया है. अगर कांग्रेस को पसंद नहीं आ रही है फ़िल्म तो वह नहीं देखें.
‘शरद पवार को बनना चाहिए था प्रधानमंत्री’
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि मनमोहन सिंह जी एक अच्छे आदमी हैं. वह रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रहे हैं. वह इकोनॉमिस्ट भी थे. अनुभवी आदमी थे, लेकिन राजनीतिक अनुभव उनको नहीं था. सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनने की आवश्यकता थी. तब मैं यूपीए के साथ था. मैंने सोनिया गांधी से मिलकर कहा था कि आप प्रधानमंत्री बने. पर सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार नहीं हुईं. इसीलिए सोनिया गांधी प्रधानमंत्री नहीं बनी तो शरद पवार को प्रधानमंत्री बनाना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि उस समय शरद पवार कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत ही जिम्मेदार व्यक्ति थे. उन्होंने शरद पवार को प्रधानमंत्री नहीं बनाया इसीलिए उन्होंने सीनियर लीडर के नाते मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया यह एक एक्सीडेंट था.
इससे पहले कांग्रेस ने अपने सभी प्रवक्ताओं और नेताओं को सर्कुलर जारी किया. वह इस फिल्म के मसले पर बोलने से बचें. केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर का कहना है कि आखिर कांग्रेस किस प्रकार फिल्म की आजादी पर सवाल उठा सकती है. तो वहीं अन्य मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि वह इस फिल्म को जरूर देखेंगे.
भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने लिखा कि कांग्रेस ऐसी फिल्म को क्यों सेंसर कराना चाहती है जो एक किताब पर आधारित है. और किताब भी 2014 में छप चुकी है. क्या सिर्फ इसलिए क्योंकि किताब काफी कम लोग पढ़ते हैं और फिल्म अधिक लोग देखते हैं.
दूसरी तरफ कांग्रेस भी इस मुद्दे पर आक्रामक है, यूथ कांग्रेस ने तो इसको लेकर चेतावनी जारी कर दी है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के इस प्रकार के एजेंडे से हम उनसे सवाल पूछने से रुकने वाले नहीं हैं. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया.
यूथ कांग्रेस ने की स्पेशल स्क्रीनिंग की मांग
इसके अलावा महाराष्ट्र यूथ कांग्रेस ने इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग की मांग की है, उसके बाद ही रिलीज करने को कहा है. उन्होंने धमकी दी है कि वह इस मामले को कोर्ट भी ले जाएंगे. इनकी मांग है कि फिल्म में से विवादित सीन तुरंत हटाए जाएं. हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस फिल्म पर कुछ भी नहीं कहा, जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने चुप्पी ही साधी.
गौरतलब है कि ये वो फिल्म है जिसका इंतज़ार कई लोग बेसब्री से कर रहे थे. इस फिल्म में मनमोहन सिंह का किरदार निभा रहे एक्टर अनुपम खेर ने जिस तरह से इसे निभाया है उसकी तारीफ हो रही है. आपको बता दें कि फिल्म में अक्षय खन्ना संजय बारू का किरदार निभा रहे हैं. जो ट्रेलर में मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के रिश्तों पर बात करते नज़र आते हैं.
संजय बारू मई 2004 से अगस्त 2008 तक पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार के पद पर कार्यरत रह चुके हैं. 2019 के चुनाव से पहले इस फिल्म के रिलीज़ होने पर विवाद गहराता जा रहा है. फिल्म का निर्देशन विजय रत्नाकर गुट्टे ने किया है. हंसल मेहता इसके क्रिएटिव प्रोड्यूसर हैं.