राष्ट्रीय / संयुक्त मोर्चा टीम
आने वाले दिनों में घरो में खाना पकाने के लिए एलपीजी गैस की जरुरत नहीं होगी. इसके लिए सरकार की ओर से खास तैयारी की जा रही है.
नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत के मुताबिक अब मेथनॉल को घरों में खाना पकाने के ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा. इस प्रयोग की शुरुआत असम से हो चुकी है.
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार से भी इस संबंध में बातचीत की जा रही है और यूपी के अलावा असम में मेथनॉल से चलने वाली 70,000 गैस स्टोव वितरित किए जाएंगे.
वी के सारस्वत ने बताया , ‘‘ हम मेथनॉल को खाने पकाने के ईंधन के रूप में उपयोग पर गौर कर रहे हैं और यही वजह है कि हमने असम पेट्रो कॉम्प्लेक्स में 500 परिवार को मेथनॉल चालित गैस चूल्हा दिया है. ’’ उन्होंने आगे कहा कि असम के बाद हमारा फोकस उत्तर प्रदेश होगा. पहले पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस चूल्हे का वितरण किया जाएगा. उसके बाद महाराष्ट्र में वितरण होगा.
सारस्वत के मुताबिक मेथनॉल ईंधन से चलने वाले खाने पकाने का चूल्हा बनाने का कारखाना बेंगलुरू और असम में लगाया जाएगा. इसके लिए टेक्नोलॉजी स्वीडन से ली गई है. उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल कमर्शियल उपयोग के लिए बड़े स्टोव का आयात किया जाएगा.
अब बिना LPG के भी जलेगा चूल्हा, मोदी सरकार की ये है तैयारी
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