राष्ट्रीय / संयुक्त मोर्चा टीम
विराट कोहली जिस तेजी से महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के रिकार्डों की तरफ बढ़ रहे हैं, उससे खुद मास्टर ब्लास्टर ने भी हैरानी जताते हुए कहा कि भारतीय टीम के मौजूदा कप्तान महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं।
विराट कोहली जिस तेजी से महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के रिकार्डों की तरफ बढ़ रहे हैं, उससे खुद मास्टर ब्लास्टर ने भी हैरानी जताते हुए कहा कि भारतीय टीम के मौजूदा कप्तान महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं। हालांकि सचिन ने विराट से अपनी तुलना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह इसमें विश्वास नहीं करते। विराट कोहली ने हाल ही में सचिन तेंदुलकर के वनडे में सबसे तेज 10,000 रन बनाने के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। वह सचिन के वनडे में रिकॉर्ड 49 शतकों की तरफ भी तेजी से बढ़ रहे हैं। कोहली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जारी मौजूदा श्रृंखला के तीसरे वनडे में अपना 38वां वनडे शतक बनाया। तेंदुलकर ने कहा, ‘एक खिलाड़ी के तौर पर विराट के विकास की बात करें तो मुझे लगता है कि उसने काफी तेजी से सुधार किया है।’
‘मुझे विराट से पहले से ही उम्मीद थी’
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे हमेशा लगता था कि उसमें अच्छा करने की ललक है और वह दुनिया के शीर्ष बल्लेबाजों में शामिल होगा। वह भी सिर्फ इस सदी का नहीं बल्कि सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक होगा। इस (कोहली को सर्वकालिक महान खिलाड़ी बताना) पर हर किसी की अपनी सोच है। अगर किसी को तुलना करनी हो तो मैं उसमें दखल नहीं करना चाहूंगा। क्योकि 60, 70 और 80 के दशक में अलग तरह के गेंदबाज थे। जब मैं खेलता था तब भी अलग तरह की परिस्थितियां और गेंदबाज थे। और आज के दौर में भी परिस्थितियां और गेंदबाजी अलग-अलग तरह की हो गई है। वह अलग दौर था और यह अलग दौर है। पहली बात तो विराट ने जो कहा (दूसरे बल्लेबाज से तुलना करने के बारे में) और मैं भी 24 वर्षों तक खेलने के दौरान यही बाते कहता रहा हूं। मैंने कभी तुलना करने पर विश्वास नहीं किया। हर युग के साथ खेल का तरीका बदलता है। इसमें बदलाव निरंतर रहा है।’
‘पृथ्वी शॉ तेजी से चीजों को सीख रहा है’
मास्टर ब्लास्टर ने इस मौके पर वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट करियर शुरू करने वाले युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ की तारीफ करते हुए कहा, ‘वह तेजी से चीजों को सीख रहा है। मुझे लगता है मैं पृथ्वी के बारे में बात कर सकता हूं। मैंने कभी भी चयन के मुद्दे पर यह नहीं कहा कि किसे चुना जाना चाहिए और किसे नहीं और मैं उसे ऐसा ही रखना चाहूंगा। क्योंकि इससे ऐसा लगेगा की मैं चयनकर्ताओं को प्रभावित कर रहा हूं। पृथ्वी को खिलाड़ी के तौर पर देखूं तो वह तेजी से सुधार कर रहा है। मुझे लगता है कि वह जिस उम्र में है वहां से सिर्फ सुधार ही हो सकता है। उसने हर प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन किया है।’